कोरोना वायरस: टीकाकरण नीति को लेकर ट्विटर पर भिड़े केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और कांग्रेस नेता शशि थरूर

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देशभर में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस के खिलाफ जारी टीकाकरण को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है। एक ओर जहां पुरी का आरोप है कि कांग्रेस नेता टीका लगवाने को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहे हैं तो वहीं थरूर ने पलटवार करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार विपक्ष पर उंगली उठाने के बजाए नीति की ‘‘विफलता’’ की जिम्मेदारी कब लेगी।

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दोनों नेताओं के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग में, पुरी ने बुधवार को सिलसिलेवार कई ट्वीट किए थे। उन्होंने कहा था कि शशि थरूर जैसे कांग्रेस के नेता भारत की टीकाकरण नीति के संबंध में अपनी गलती स्वीकार करने को लेकर ‘‘बच्चों जैसा हठ’’ कर रहे हैं। पुरी ने कहा, ‘‘टीके को लेकर कांग्रेस पार्टी का रुख दिनों-दिन और अजीबो-गरीब होता जा रहा है।’’

नागर विमानन, आवासन और शहरी मामलों के मंत्री ने कहा, ‘‘शशि थरूर जैसे उनके कुछ नेता भारत की टीकाकरण नीति पर अपनी गलती स्वीकार करने में बच्चों जैसा हठ दिखा रहे हैं।’’ पुरी ने आरोप लगाया कि (कांग्रेस नेताओं के) पूरे समूह ने बयानों और ट्वीट के जरिए लोगों के बीच टीका लगवाने को लेकर संदेह पैदा किया है। उन्होंने कहा कि वे खुलकर टीके के प्रभावी होने, उत्पादकों के चयन और टीकाकरण पर संदेह व्यक्त करते हैं और लोगों के मन में संदेह पैदा करते हैं। पुरी ने कहा, ‘‘2021 में थरूर के ट्वीट अकेले ही अंतर्विरोध की किताब बन सकते हैं।’’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘टीके के प्रभावी होने पर लगातार संदेह व्यक्त करने के बाद उन्होंने 24 अप्रैल, 2021 को अपना रुख बदला, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि वह गलत थे।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘उस स्थिति की कल्पना करे, अगर भारत सरकार ने उनकी सलाह सुनी होती और टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए और दो सप्ताह का इंतजार किया होता।’’ पुरी ने कहा कि अब जबकि देश कोविड संकट से जूझ रहा है, ये नेता अवसरवाद की राजनीति छोड़कर कम से कम अपने ही बयानों और ट्वीट का अध्ययन कर लें, अगर वे महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में साथ नहीं दे सकते हैं तो।

पुरी के एक ट्वीट को टैग करते हुए थरूर ने गुरुवार को कहा, ‘‘सरल तरीके से बताता हूं… 1) क्या कांग्रेस के ट्वीट के कारण टीके की कमी हुई है? 2) क्या भारत सरकार मेरे ट्वीट के कारण पर्याप्त मात्रा में टीके का ऑर्डर देने में असफल रही? 3) क्या मई में कीमतों में असमानता तीन जनवरी को मेरे बयान से जुड़ी है कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है?’’

कांग्रेस नेता ने लिखा है, संक्षेप में कहूं तो भारत सरकार अपने खराब प्रदर्शन से ध्यान भटकाने के लिए विपक्ष पर उंगली उठाने के प्रयासों के स्थान पर ‘‘अपनी नीति और प्रबंधन की असफलता’’ की जिम्मेदारी कब लेगी?

गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के नए मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भी भारी कमी देखने को मिल रही है। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी हो गया है। लेकिन कोरोना काल में वैक्सीन की बढ़ती मांग के बीच देश में वैक्सीन की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)

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