आम मरीज की तरह सफदरजंग अस्पताल पहुंचे थे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, गार्ड ने मारा डंडा; खुद किया चौंकाने वाला खुलासा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया हाल ही में आम मरीज की तरह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचे थे, जहां उनके साथ अजीब घटना घटी। मांडविया ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि जब वह अस्पताल गए तो बेंच पर बैठने के दौरान एक गार्ड ने उन्हें डंडा मार दिया था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले वह एक आम नागरिक बनकर सफदरजंग अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे तब ये घटना हुई थी। उन्होंने ने इस बात का खुलासा सफदरगंज अस्पताल में चार स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के उद्घाटन समारोह में ही किया।

मनसुख मंडाविया

समारोह में बोलते हुए मनसुख मांडविया ने कहा कि एक सामान्य रोगी के रूप में जब वह एक बेंच पर बैठने लगे, तो उन्हें डंडे से मारा गया। सुरक्षा गार्ड ने उन्हें वहां नहीं बैठने के लिए कहा था। जैसी ही उन्होंने इस घटना के बारे में जानकारी दी वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। पहचान बदलकर सफदरजंग अस्पताल पहुंचने के बाद उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने देखा कि कई मरीजों को अस्पताल में स्ट्रेचर और अन्य चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

इस दौरान उन्होंने एक 75 वर्षीय महिला का उदाहरण दिया, जो अपने बेटे के लिए एक स्ट्रेचर लाने के लिए गार्ड से गुहार लगा रही थी, लेकिन उसे एक भी नहीं मिला। महिला को स्ट्रेचर दिलाने और स्ट्रेचर ले जाने में सुरक्षा गार्डों ने कोई मदद नहीं की। गार्ड के व्यवहार से नाखुश मंडाविया ने पूछा कि अस्पताल में 1500 गार्ड तैनात होने के बाद भी एक भी गार्ड ने बुजुर्ग महिला की मदद क्यों नहीं की।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी थी। जिसे सुनकर वो भी हैरान और परेशान हो गए। उन्होंने मुझसे पूछा कि गार्ड को निलंबित किया गया है या नहीं। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि उसे सस्पेंड नहीं किया गया क्योंकि वह सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था को सुधारना चाहते हैं।

उद्घाटन समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से कहा कि निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बहुत ही ज्यादा असुविधाएं देखने को मिली। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से मरीजों को दी जानें वाली सुविधाओं में सुधार कर और अस्पताल की अव्यवस्थाओं को दूर करके इसे देश का मॉडल अस्पताल बनाने के निर्देश दिए।

मनसुख मांडविया ने कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा किए गए कार्यों की जमकर तारीफ की और कहा कि सभी डॉक्टरों को टीम वर्क के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अस्पताल अपनी छवि बदलने के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा।

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