हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भारत रत्न से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन पर निशाना साधते हुए ‘गद्दार’ बताया। जिस समय अमर्त्य सेन को भारत रत्न दिया गया था, उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपयी की सरकार थी।

समाचार एजेंसी ANI के हवाले से जनसत्ता.कॉम में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि, ‘आरएसएस के लोग भी भारत के ही नागरिक हैं। उन्होंने देश के लिए बहुत काम किया है, लेकन उन्हें उतना सम्मान नहीं दिया गया। मुझे लगता है कि आरएसएस के लोगों ने बिना किसी अपेक्षा के और चाह से समाज के लिए काम किया। एनडीए ने अमर्त्य सेन को भारत रत्न दिया, जो कि एक ‘गद्दार’ हैं। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को लूटने के अलावा देश के लिए क्या किया है? उन्हें केवल इसलिए सम्मानित किया गया क्योंकि वह लेफ्ट विंग को सपोर्ट करते हैं और उन्हें अवार्ड देने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दबाव बनाया था।’
बता दें कि, अमर्त्य सेन को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से साल 1999 में सम्मानित किया गया था। जिस वक्त अमर्त्य सेन को भारत रत्न दिया गया था, उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपयी की सरकार थी।
Khabar IndiaTV की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी ने यह बयान उस समय दिया जब सरकार ने पद्म पुरस्कार के लिए लोगों के नामों का ऐलान किया था। जिसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार RSS के नेताओं को सम्मानित कर रहा है। कांग्रेस के इस आरोप के चलते स्वामी ने यह प्रतिक्रिया दी। स्वामी ने ट्वीट कर पद्म अवार्ड्स पाने वाले गणमान्य लोगों में से पांच लोगों पर सवाल खड़ा किया था, जिनमें आरएसएस नेता वेद प्रकाश नंदा और केरल आरएसएस प्रचारक चीफ पी परमेश्वर के नाम भी शामिल थे।
गौरतलब है कि, गणतंत्र दिवस की पूर्व संख्या पर भारत सरकार ने देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया था। इनमें कला, संस्कृति, खेल के साथ मानव सेवा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वालों को जगह दी गई थी।