‘पनामा पेपर’ के बाद अब ‘पैराडाइज पेपर्स’ (1.34 करोड़ दस्तावेज) में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छुपाने के मामलों से जुड़ी फाइलें सामने आने के बाद ज़ी समूह के प्रमुख और बीजेपी के राज्यसभा सांसद भी जांच के दायरे में हैं।
Photo Courtesy: Forbesइंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं।
ऐपलबाय के रिकॉर्ड बताते हैं कि सुभाष चंद्र के स्वामित्व वाले एस्सेल ग्रुप ने उनके भावी चीनी और ब्राजील के ग्राहकों के लिए ऋण की सुविधाएं प्रदान की थी।सुभाष चंद्रा की कंपनी के प्रमोटर ने आॅफशोर रूट से फंड हासिल किए। ऐपलबाय के रिकॉर्ड बताते हैं कि क्रेडिट सुइस से 2013 में मौजूदा अपतटीय प्रमोटर कर्ज को वित्तपोषित करने के लिए $ 62 मिलियन का ऋण लिया गया था। यह ऋण एसएमटीपी लिमिटेड (मॉरीशस) को दिया गया था, जो बदले में एस्सेल होल्डिंग्स लिमिटेड (मॉरीशस) को एक परिवर्तनीय ऋण के रूप में प्रदान किया गया था।
आपको बता दे कि 1.34 करोड़ दस्तावेजों के इस सेट को ‘पैराडाइज पेपर्स’ नाम दिया गया है। यह खुलासा पनामा पेपर्स के खुलासे के 18 महीनों बाद हुआ है। दोनों ही खुलासे जर्मनी के अखबार जीटॉयचे साइटुंग ने किए हैं। इन खुलासों को करने के लिए इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की ओर से छानबीन की गई है। आपको बता दें कि यह कंसोर्टियम 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप करके यह काम करता है।
इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।
आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं।