गुरुवार को बीजेपी को झटका देते हुए चुनाव आयोग ने गुजरात हाई कोर्ट से कहा कि वह गुजरात के राज्यसभा चुनाव में चुने गए कांग्रेस नेता अहमद पटेल की जीत के अपने पर फैसले खड़ा है, उनकी जीत सही है।
बीजेपी के बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस पार्टी से अपनी वर्षो की वफादारी के बाद से बीजेपी से चुनाव लड़ा था। हारने के बाद उन्होंने अहमद पटेल की जीत को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय से संपर्क किया था।
चुनाव आयोग ने न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी को बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भाजपा के बलवंत सिंह राजपूत द्वारा दायर याचिका में प्रतिवादी नहीं बनाया जा सकता, जिन्होंने पटेल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने इस वर्ष अगस्त में गुजरात से राज्यसभा की सीटों के लिए हुए चुनाव लड़ा था। चुनाव आयोग ने विद्रोही कांग्रेस के विधायकों राघवजी पटेल और भलाभाई गोहेल के मतों को खारिज कर दिया था जिसके बाद इस चुनाव में पटेल की जीत का रास्ता बन गया था।
बलवंत सिंह राजपूत ने अमित शाह और स्मृति ईरानी को अन्य उत्तरदाता बनाया था, दोनों ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दायर किया कि उन्होंने कहा कि उन्होंने पटेल के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के खिलाफ राजपूत की याचिका का समर्थन किया था। अब इस मामले में अदालत ने सुनवाई 10 नवंबर तक स्थगित कर दी है।
आपको बता दे कि अहमद पटेल ने पिछले हफ्ते दाखिल किए गए अपने जवाब में याचिका खारिज करने की मांग करते हुए दावा किया था कि आरोपों में कोई दम नहीं है। राजपूत ने आठ अगस्त के इस चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और उन्हें भाजपा ने एक सीट पर अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारा था, लेकिन वे अहमद पटेल से हार गए थे।
कांग्रेस का सवाल- क्या गुजरात में चुनाव आचार आचार संहिता की घोषणा इसलिए नहीं की गई क्योंकि मोदीजी 16 अक्टूबर को गुजरात दौरे पर जा रहे हैं?
Posted by जनता का रिपोर्टर on Thursday, 12 October 2017