शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह के ताबदले के पीछे दबाव होने से इनकार करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दी कि अगर उनके पास गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के कथित ‘राजनीतिक संरक्षकों’ के बारे में सबूत है तो उनका नाम बताएं। राउत ने कहा कि फडणवीस को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे मुंबई हतोत्साहित हो।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर विपक्ष सोचता है कि यह तबादला किसी दबाव में किया गया तो वह गलत है। उद्धव ठाकरे सरकार ने किसी दबाव में तबादला नहीं किया है। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जब तक जांच जारी है तब तक यह तबादला किया जाना चाहिए।’’ बता दें कि, वाजे की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ही राज्य सरकार ने मुंबई पुलिस के आयुक्त परमवीर सिंह का तबादला कर दिया।
इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि सिंह और वाजे ‘छोटे आदमी‘ हैं और मामले को केवल उन्हें जिम्मेदार ठहराकर सुलझाया नहीं जा सकता। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘कौन है इसके पीछे? उसकी जांच होनी चाहिए। राजनीतिक आका जिन्होंने वाजे को निर्देशित किया, उनका पता लगाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या होने की आशंका जताई और आरोप लगाया कि वाजे के कई शिवसेना नेताओं से गहरे संबंध थे। इस पर राउत ने कहा, ‘‘अगर आपके पास सबूत है तो उन लोगों का नाम बताएं।’’ फडणवीस पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि भाजपा नेता अगले साढ़े तीन साल महाविकास अघाडी सरकार के बचे कार्यकाल के पूरा होने तक खुद को बनाए रखने के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे।
फडणवीस ने खुलासा किया कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच उनके नेतृत्व में भाजपा सरकार के दौरान वर्ष 2018 में शिवसेना ने वाजे को बहाल करने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन उन्होंने गंभीर आरोप होने की वजह से इनकार कर दिया था। बता दें कि उस सरकार में शिवसेना सहयोगी थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सहित कई पार्टी नेताओं ने उनसे इस मामले में संपर्क किया।
फडणवीस ने कहा कि भारत के सबसे अमीर व्यक्ति के आवास के सामने सुरक्षा खतरे का खुलासा होने के बाद रहस्य गहराता जा रहा है और 1990 का दौर याद आ रहा है जब मुंबई में लोगों ने राजनीति का अपराधीकरण देखा।
उल्लेखनीय है कि, उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के नजदीक जिलेटिन छड़ के साथ जो एसयूवी कार मिली थी उसका मालिक हिरन था। अंबानी के आवास के नजदीक विस्फोटक लदी एसयूवी रखने के मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रही है जबकि हिरन के मौत मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)