अपने ‘अजीब’ ट्वीट की वजह से हंसी का पात्र बने BJP प्रवक्‍ता संबित पात्रा

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हाल के महीनों में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को न्यूज चैनलों पर डिबेट्स के दौरान अपने प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा की गई वित्रित्र टिप्पणियों और दावों के कारण काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। भारतीय टीवी चैनलों पर बहस में शामिल होने वाले सभी पार्टियों के विवादास्पद प्रवक्ताओं की सूची में संबित पात्रा का नाम सबसे ऊपर आता है। इस बीच अब विवादास्पद बीजेपी प्रवक्ता को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी हंसी का पात्र बनना पड़ा है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा शनिवार को झारखंड में पार्टी के एक समारोह को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। पात्रा ने इस समारोह की कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की, जहां भगवा पार्टी द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को उन्होंने संबोधित किया था। हालांकि, पात्रा को इस बात का जरा सा भी एहसास नहीं था कि ‘बौद्धिक प्रकोष्ठ’ की बैठक के संबंध में किए गए ट्वीट की वजह से उन्हें हंसी का पात्र बनना पड़ सकता है।

पात्रा ने संबोधन की कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा, आज धनबाद में बौद्धिक प्रकोष्ट की बैठक को संबोधित करते हुए!’

उनका यह ट्वीट देख सोशल मीडिया हैरान हो गए और ट्विटर पर जबरदस्त प्रतिक्रिया व्यक्त की। कुछ यूजर्स ने इस बौद्धिक सेल को बेरोजगार और ट्रोलर्स का समूह करार देते हुए बीजेपी पर हमला बोला, वहीं कुछ लोगों ने ट्वीट के अंत में ‘विस्मयादिबोधक चिह्न (!)’ का उपयोग करने के लिए व्यंग्यात्मक रूप से उनकी सराहना की। बता दें कि बीजेपी प्रवक्ता ने धनबाद के टाउन हॉल में प्रमंडलीय प्रबुद्ध सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस पर एक के बाद एक कई हमले बोले।

ट्वीट के अंत में ‘विस्मयादिबोधक चिह्न’ लगाए जाने को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है। दरअसल, अंग्रेजी के व्याकरण की तमाम पुस्तकों के मुताबिक, इस चिन्ह का इस्तेमाल न ही किया जाय तो अच्छा है। लेकिन बीजेपी प्रवक्ता पात्रा कोई आम इंसान तो हैं नहीं जो किसी नियम-कायदे को मानें। मशहूर अमेरिकी लेखक बिल ब्रायसन ने बीबीसी को बताया था कि विस्मयादिबोधक चिह्न का इस्तेमाल जज्बातों के ज्वार को जताने के लिए होता है।

इसके अलावा कई बार इसके जरिए फौरन ध्यान खींचने की कोशिश होती है, तो कई बार किसी बात पर हैरानी जताने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ये बेहद खुश इंसान के जज्बात जताने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है और दुखों का पहाड़ टूटने पर भी। इसके अलावा अगर कोई सवाल उठाना चाहता तो भी अपने ट्वीट के अंत में विस्मयादिबोधक चिह्न लगाता है। कोई गुस्से के इजहार के लिए इसका इस्तेमाल करता है तो कोई बेहिसाब खुशी इसके जरिए जताते की कोशिश करता है। इसलिए इसका इस्तेमाल कम ही लोग करते हैं, लेकिन आजतक सोशल मीडिया पर इसकी मांग बढ़ गई है।

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