शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने का किया एलान, मुलायम सिंह यादव होंगे अध्यक्ष

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समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार(5 मई) को नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। शिवपाल ने बताया कि उनकी नई पार्टी का नाम ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’ होगा। इस मोर्चे का अध्यक्ष सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव होंगे।

फाइल फोटो।

इस दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी(मुलायम सिंह) को उनका सम्मान वापस दिलाना और समाजवादियों को एक साथ लाने के लिए इस मोर्चे का जल्द ही एलान होगा। बता दें कि अभी दो रोज पहले ही उन्‍होंने इटावा में इसके संकेत भी दिए थे।

दो दिन पहले 3 मई शिवपाल सिंह यादव ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को धमकी देते हुए कहा था कि अगर पार्टी की कमान मुलायम सिंह यादव को नहीं सौंपी गई तो वह नई पार्टी का गठन कर लेंगे। शिवपाल ने कहा कि अखिलेश यादव 3 महीने के अंदर नेता जी (मुलायम) को पार्टी की कमान सौंपने का अपना वायदा पूरा करें वरना मैं नई पार्टी बनाने के मकसद से धर्म निरपेक्ष मोर्चे का गठन करूंगा।

उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव ने 3 महीने का समय मांगा था और कहा था कि इस दौरान पार्टी और पद वापस नेता जी को सौंप दूंगा। अखिलेश अपना वायदा पूरा करें वरना हम भी नई पार्टी बनाने के लिए धर्मनिरपेक्ष मोर्चे का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश अब मुलायम को पद सौंपे और समाजवादी परिवार को जोड़ने का काम करें।

बता दें कि सपा में चल रहे घमासान के बीच शिवपाल ने पहले ही कहा था कि वह चुनाव के बाद अलग पार्टी बनाएंगे। चुनाव के बाद हालांकि, उनके तेवर नरम पड़ गए थे। लेकिन चुनाव के करीब 2 महीने बाद आखिरकार वह नई पार्टी का एलान कर दिया है। इस बीच इटावा के जसवंतनगर से विधायक और सपा के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष शिवपाल यादव लगातार अखिलेश और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव पर निशाना साध रहे हैं।

शिवपाल ने इटावा में रामगोपाल यादव पर हमला बोलते हुए उन्हें शकुनि तक कह डाला था। दरअसल, दो दिन पहले रामगोपाल से इटावा में ही मीडिया ने जब पूछा कि शिवपाल का कहना है कि अखिलेश को अपने वादे के मुताबिक अब नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दे देना चाहिए।

इस पर भड़क कर रामगोपाल ने जवाब दिया कि शिवपाल यादव बेकार की बातें करते हैं। उन्होंने पार्टी का संविधान नहीं पढ़ा है। पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है। शिवपाल तो अभी सदस्य तक भी नहीं बने हैं। इस पर पत्रकारों ने शिवपाल यादव से जब यह बात दोहराई तो उन्होंने कहा कि मैंने संविधान भले की न पढ़ा हो, लेकिन शकुनि को गीता जरूर पढ़नी चाहिए।

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