उत्तर प्रदेश की सहारनपुर पुलिस ने उन सभी मीडिया रिपोर्टों को गलत बताया है, जसमें क्वॉरेंटाइन किए गए तब्लीगी जमातियों के बारे में कहा जा रहा था कि वो लोग खाने में नॉनवेज की मांग कर रहे है और नॉनवेज न मिलने पर हंगामा कर रहे है। पुलिस ने उन खबरों को भी फेक न्यूज़ करार दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि वह लोग खुले में शौच कर रहे है।

सहारनपुर पुलिस ने अपने बयान में कहा, “अवगत कराना है, कि विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनल एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित की जा रही खबर ‘क्वॉरेंटाइन किए गए जमातियों ने खाने में नॉनवेज न मिलने पर किया जमकर हंगामा, जमातियों ने खुले में ही कर डाली शौच’ की सत्यता की जांच एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी रामपुर मनिहारान को निर्देश दिए गए थे। जिसके द्वारा जांच की गई तो जांच में विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज़ चैनलों एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित की जा रही उक्त खबर पूर्ण रूप से गलत एवं असत्य पाई गई है। सहारनपुर पुलिस उन प्रकाशित खबर का पूर्णत: खंडन करती हैं।”
सहारनपुर पुलिस ने हिंदी समाचार चैनल के एक समाचार फ्लैश पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें तब्लीगी जमातियों के बारे में कहा गया था कि, ‘क्वॉरेंटाइन किए गए जमातियों ने खाने में नॉनवेज न मिलने पर किया जमकर हंगामा, जमातियों ने खुले में ही कर डाली शौच’।
@Uppolice @adgzonemeerut @igrangemeerut @digsaharanpur @Dineshdcop pic.twitter.com/ZYY6kNirAE
— Saharanpur Police (@saharanpurpol) April 5, 2020
बता दें कि, इससे पहले चिकित्सा अधिकारी होने का दावा करने वाली एक महिला ने भी अपने ट्वीट में तब्लीगी जमातियों पर लगे आरोपों का खंडन किया था। उर्वी शर्मा रैना (Urvi Sharma Raina) नाम की यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, “मैं निज़ामुद्दीन मरकज को खाली कराए जाने वाली टीम का हिस्सा थी और उन्होंने एक बार भी कभी दुर्व्यवहार नहीं किया।”
चिकित्सा अधिकारी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। उनके इस ट्वीट को 4000 से ज्या लोगों ने रीट्वीट किया है। वहीं, 7000 से अधिक लोगों ने लाइक किया है। उर्वी शर्मा रैना ने अपने ट्विटर बायो पर खुद को एक चिकित्सा अधिकारी बताया है।
I was part of the evacuation at nizamuddin and they never misbehaved. Not once
— Urvi Sharma Raina (@UrviSha71867953) April 4, 2020
बता दें कि, इस महिला चिकित्सा अधिकारी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकाले जाने के बाद तबलीगी जमात के कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर डॉक्टरों पर हमला किया। वहीं, दूसरों ने आरोप लगाया था कि तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने गाजियाबाद में नर्सों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था।