केंद्र सरकार ने शुक्रवार(24 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हिन्दी टीवी चैनल एनडीटीवी इंडिया को पिछले साल पठानकोट आतंकी हमले के दौरान प्रसारण नियमों का कथित उल्लंघन करने के मामले में माफी मांगनी चाहिए।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से कहा कि समाचार चैनल को स्पष्ट तौर पर कहना चाहिए कि उसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए खेद है, जिसके चलते सरकार को गत नवंबर में एक दिन के लिए इसका प्रसारण बंद करने का निर्देश जारी करना पड़ा।
एनडीटीवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि चैनल यह पत्र देने को तैयार है कि वह जिम्मेदार पत्रकारिता करता है। उन्होंने कहा कि चैनल यह उल्लेख करने को तैयार है कि रिपोर्टिंग में गोपनीयता से संबंधित मुद्दों का लगातार ध्यान रखा जाता है और स्पष्ट दिशा-निर्देश तय करने के लिए केंद्र को बैठक बुलानी चाहिए। पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 31 मार्च के लिए निर्धारित कर दी।
बता दें कि पिछले साल आठ नवंबर को रोहतगी ने न्यायालय को सूचित किया था कि नौ नवंबर को चैनल का प्रसारण रोकने का फैसला सरकार ने स्थगित कर दिया है। एनडीटीवी ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी, जिसके तहत सरकार ने चैनल का प्रसारण एक दिन के लिए रोकने का निर्देश दिया था।