यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी की बेटी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में कदम रख दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव नियुक्त कर पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रियंका फरवरी के पहले सप्ताह में कार्यभार संभालेंगी।

इसी के साथ नेहरू गांधी परिवार की एक और सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार से सक्रिय राजनीति में उतर गईं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव- प्रभारी (उत्तर प्रदेश पूर्व) नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने यह फैसला इस साल होने वाले आम चुनाव और प्रियंका गांधी की लोकप्रियता को देखते हुए लिया है।
पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को इसके साथ ही महासचिव-प्रभारी (उत्तर प्रदेश-पश्चिम) बनाया गया है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो पहले की तरह कर्नाटक के प्रभारी की भूमिका निभाते रहेंगे। संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे अशोक गहलोत के राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के बाद वेणुगोपाल की नियुक्ति की गई है।
उत्तर प्रदेश के लिए प्रभारी-महासचिव की भूमिका निभा रहे गुलाम नबी आजाद को अब हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस ने एक विज्ञप्ति में बताया कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी और नेताओं की नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया है। लोकसभा चुनाव से प्रियंका गांधी का राजनीति में एंट्री का एलान कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है
प्रियंका की राजनीति में एंट्री पर किसने क्या कहा?
प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका और ज्योतिरादित्य को मैंने उत्तर प्रदेश सिर्फ दो महीनों के लिए नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि मैंने दोनों को मिशन दिया है कि वह पार्टी की सच्ची विचारधारा, गरीबों और कमजोरों की विचारधारा को आगे बढ़ाए। मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों अच्छे से काम करेंगे। जो यूपी को चाहिए यहां के युवा को चाहिए वह कांग्रेस पार्टी देगी। उन्होंने प्रियंका के चुनाव लड़ने पर कहा कि बहन बहुत कर्मठ है, चुनाव लड़ने पर वह फैसला लेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलना चाहते हैं। मैं मायावती जी और अखिलेश जी का आदर करता हूं। हम तीनों का लक्ष्य बीजेपी को हराने का है। हमारी इन दोनों से कोई दुश्मनी नहीं है। हम कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं। राहुल ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से काफी खुश हूं कि मेरी बहन (प्रियंका) जो खुद में कर्मठ और सक्षम हैं, वह अब मेरे साथ काम करेंगी। ज्योतिरादित्य भी बहुत डायनेमिक नेता है। बीजेपी वाले घबराएं हुए हैं।’
Congress President Rahul Gandhi on Priyanka Gandhi: Mujhe personally bahut khushi ho rahi hai ki woh ab mere saath kaam karengi, woh bahut karmat hain. Jyotiraditya Scindia bhi bahut dynamic leader hain. BJP wale ghabraaye hue hain. pic.twitter.com/8QpfJjJdO3
— ANI (@ANI) January 23, 2019
उन्होंने कहा कि ‘हमारा बड़ा स्टेप लेने के पीछे मकसद यही है कि हम बैकफुट पर नहीं फ्रंटफुट पर खेलेंगे और कांग्रेस की विचारधारा को बरकरार रखेंगे।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मायावती जी, अखिलेश और हमारी विचारधारा में बहुत समानता है और उन्हें जहां भी जरूरत होगी हम उन्हें सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं, प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने उन्हें बधाई देते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा है, ‘शुभकामनाएं प्रियंका… तुम्हारी जिंदगी के हर मोड़ पर तुम्हारे साथ हूं।’
कांग्रेस के इस एलान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस में आज एक और राज्याभिषेक हुआ है। उन्होंने कहा कि हर राज्य से नकारे जाने के बाद आखिर में कांग्रेस ने अब प्रियंका गांधी पर दांव खेला है। प्रियंका कांग्रेस के लिए बैसाखी की तरह है। न्यू इंडिया में यह सवाल पूछा जा रहा है कि नेहरू जी के बाद इंदिरा जी फिर राजीव, फिर सोनिया जी, फिर राहुल जी और अब प्रियंका जी। बीजेपी में पार्टी ही परिवार है तो कांग्रेस में परिवार ही पार्टी है। यही फर्क है हमारे बीच।’