कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत के मामले को लेकर बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में मानवाधिकार नाम की कोई चीज नहीं बची है तथा वहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। वहीं, आईपीएस अधिकारी को कासगंज में पुलिस हिरासत में एक मुस्लिम व्यक्ति की रहस्यमय तरीके से मौत के बाद अपने विचित्र सिद्धांत के लिए व्यापक सार्वजनिक निंदा का सामना करना पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?’’
क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2021
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस हिरासत में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक, भक्षक बन चुके हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।’’
कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं।
उप्र पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 10, 2021
वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है। इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए।”
कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है।
इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए। #भाजपा_ख़त्म pic.twitter.com/sI2FT05Bv9
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 10, 2021
गौरतलब है कि, कासगंज में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए एक युवक की कथित रूप से पुलिस द्वारा पीटे जाने के कारण मौत हो गई। इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि मंगलवार को एक नाबालिग लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ (22) नामक युवक को हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई। इस पर उसे इजाजत दे दी गई। वहां उसने जैकेट के हुड में लगी डोरी को बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की। मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है।
आज दिनाँक 9.11.21 को जनपद के थाना कोतवाली कासगंज में बंदी की मृत्यु होने के संबंध में #SP @kasganjpolice द्वारा लापरवाही बरतने पर 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की कार्यवाही की गई है, प्रकरण में की जा रही अन्य कार्यवाही के संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गयी बाइट । pic.twitter.com/EvMnLA9ozG
— KASGANJ POLICE (@kasganjpolice) November 9, 2021
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