कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने हरिद्वार में हाल ही में ‘धर्म संसद’ में दिए गए घृणा भरे भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए शुक्रवार को कहा कि हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और इस तरह के कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं। बता दें कि, हिंदुत्ववादी नेताओं ने हरिद्वार में एक कार्यक्रम में हेट स्पीच दिया और एक विशेष धर्म को मानने वालों के खिलाफ हिंसा फैलाने का आह्वान किया।
प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, इस तरह की नफरत और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यह निंदनीय है कि वे हमारे आदरणीय पूर्व पीएम की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाने का खुला आह्वान करके निकल जाएं। उन्होंने कहा, इस तरह के कृत्य हमारे संविधान और हमारी भूमि के कानून का उल्लंघन करते हैं।
Such acts violate our constitution and the law of our land. 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 24, 2021
यह घटना 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित ‘धर्म संसद’ के एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में हुई थी। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो क्लिप में कहा गया है कि हिंदुओं को म्यांमार के लोगों की तरह खुद हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और एक सफाई अभियान करना चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, जहां तक प्रधानमंत्री और उनके ढोल पीटने वालों का सवाल है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एक बकवास है। यह केवल एक खोखला नारा है। हरिद्वार में किए गए नृशंस अभद्र भाषा पर गरजती चुप्पी क्यों? गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्यों चुप हैं।
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने भी कथित भाषण की आलोचना की और हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जहां कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ ‘‘घृणास्पद भाषण’’ दिए गए। उन्होंने इस संबंध में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई है।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम की निंदा करते हुए उसे, ‘‘घृणा भाषण सम्मेलन’’ बताया और उसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
गौरतलब है कि, हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 20 दिसंबर तक कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप है। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि, इसी साल यती नरसिम्हानंद ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पैग़ंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी। (इंपुट: IANS के साथ)
[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]