नोटबंदी के बाद से लगातार विवादों में बनी रहने वाली Paytm कम्पनी पर कई प्रकार के आरोप लगते रहे है। PM मोदी का अखबारों में विज्ञापन देकर Paytm सुर्खियों में आ गया था और आरोप लगा था कि क्या Paytm को नोटबंदी की पहले से जानकारी थी। इसके अलावा PM मोदी की तस्वीर को बिना इजाजत के अखबारों में देने का विवाद सामने आया था।
इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कि ई-काॅमर्स कंपनी Paytm के साथ हुए गुप्त समझौते का क्या रहस्य है? उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद Paytm को सर्वाधिक लाभ मिला, घोषणा के बाद अखबारों के फ्रंटपेज पर पेटीएम कम्पनी प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करती नज़र आ रही है। इसके पीछे क्या डील है।
Paytm biggest beneficiary of PM's announcement. Next day PM appears in its ads. Whats the deal, Mr PM? https://t.co/lfP0PrQICQ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 10, 2016
जबकि इस मामले में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब Paytm का मतलब पे टू मोदी हो गया है। राहुल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ई-वॉलेट सेवा Paytm का मतलब ‘पे टू मोदी’ है।
#WATCH: Congress VP Rahul Gandhi says, PM Narendra Modi's so-called bold decision (#DeMonetisation) was a "foolish" decision. pic.twitter.com/rO1BxNsW3p
— ANI (@ANI) December 8, 2016
नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था में जहां एक और मंदी के आसार देखें गए और बेरोजगारी व कई तरह की परेशानियो से देश रूबरू होता रहा वहीं दूसरी और पेटीएम ने सीईओ विजय शेखर ने पिछले दिनों Paytm 2017 एनुअल पार्टी में अपनी कामयाबी का जश्न मनाते समय जोश में होश खोते हुए विवादित बयान दिए।
पेटीएम 2017 एनुअल पार्टी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें विजय शेखर झूमते हुए चिल्ला-चिल्ला कह रहे है कि ये है Paytm, जो हमारे साथ नहीं है वो रोएगें
एक साल में वो किया जो उन्होंने 10 साल में नहीं किया
कैसे नहीं होगा?
2017 हमारा होगा, कलेजा दिया, जान दी, खून दिया, सारा कुछ लगा दिया
ब…….?
हमने कुछ सोचा,
और साला दूसरों की पेंट गीली नहीं हुई तो क्या सोचा
अब कोई इंडिया में हमारी तरफ नहीं देख रहा, क्यों?
हमारे को सारा देश नहीं, सारी दुनिया देख रही है
Watch @Paytm founder @vijayshekhar saying "those who're not with us, will cry" & the derogatory language. Typically, 'With us or against us' pic.twitter.com/1xFL24Rxbh
— Gaurav Pandhi गौरव पांधी (@GauravPandhi) January 18, 2017