पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के बीच मचा घमासान अब ममता बनाम सीबीआई का रूप ले चुका है। सीबीआई इस विवाद को लेकर सोमवार (4 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले को मंगलवार के लिए टाल दिया है। वहीं, शारदा चिटफंड घोटाले के मामले में सीबीआई की कार्रवाई को लेकर सोमवार को संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके कारण दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में रविवार को शारदा चिटफंड घोटाले की जांच के वास्ते गए सीबीआई के दल साथ कोलकाता पुलिस के अभूतपूर्व टकराव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार का कहा कि यह स्थिति देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार (3 फरवरी) शाम शुरू हुई राजनीतिक गहमागहमी संभवत: पहली बार भारतीय राजनीति में देखने को मिली हो।
पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ करने गई सीबीआई के अधिकारियों को ही राज्य पुलिस ने हिरासत में ले लिया। खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के साथ सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठ गईं। ममता ने केंद्र सरकार पर ‘राजनीतिक बदले की भावना से काम करने’ का आरोप लगाते हुए रविवार रात से ही कोलकाता में धरने पर बैठी हैं, जो अभी भी जारी है।
धरना स्थल से ही ममता ने अपने नियमित काम को जारी रखने के लिए दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। ममता ने सोमवार को कहा कि हमारा सत्याग्रह किसी एजेंसी के खिलाफ नहीं है, यह मोदी सरकार के अत्याचारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा है कि उनके सारे कामकाज धरनास्थल से ही संपन्न होंगे। इस बीच रविवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर के आवास पर सीबीआई और राज्य पुलिस के जो भी कुछ हुआ उसकी एक रिपोर्ट तैयार कर राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने गृह मंत्रालय को भेज दी है।
ममता के समर्थन में आया समूचा विपक्ष
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने ममता को समर्थन दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने ममता बनर्जी से फोन पर बातकर उन्हें समर्थन देने का एलान किया है। ममता के धरने पर बैठने के बाद से ही एक के बाद एक समूचा विपक्ष उनके समर्थन में सामने आता गया। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, एचडी देवगौड़ा, लालू यादव, एमके स्टालिन, फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव, महबूबा मुफ्ती, शरद यादव, शरद पवार, राज ठाकरे समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने ममता बनर्जी से फोन पर या ट्वीट कर अपना समर्थन जताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”मैंने आज रात ममता दी से बात की और उनसे कहा कि हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। बंगाल में जो कुछ भी हुआ है वो बीजेपी और मोदी द्वारा भारतीय संस्थाओं पर किए जा रहे कठोर हमले का हिस्सा है। इन फासीवादी ताकतों को हराने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा होगा।”
I spoke with Mamata Di tonight and told her we stand shoulder to shoulder with her.
The happenings in Bengal are a part of the unrelenting attack on India’s institutions by Mr Modi & the BJP.
The entire opposition will stand together & defeat these fascist forces.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 3, 2019
वहीं, आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ”मोदी जी ने लोकतंत्र और संघीय ढांचे का मजाक बनाकर रखा है। कुछ साल पहले मोदी जी ने अर्धसैनिक बलों को भेजकर दिल्ली की एंटी-करप्शन ब्रांच पर कब्जा किया था। अब मोदी-शाह की जोड़ी भारत और लोकतंत्र के लिए खतरा बने हुए हैं। हम इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।”
Modi ji has made a complete mockery of democracy and federal structure. Few years back, Modi ji captured Anti- Corruption Branch of Del govt by sending paramilitary forces. Now, this. Modi-Shah duo is a threat to India and its democracy. We strongly condemn this action https://t.co/Vay723LON9
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 3, 2019
इसके अलावा अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ”भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और CBI के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आज़ादी ख़तरे में है, उसके ख़िलाफ़ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं। आज देश भर का विपक्ष और जनता अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट है।”
भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और CBI के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आज़ादी ख़तरे में है, उसके ख़िलाफ़ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं.
आज देश भर का विपक्ष और जनता अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 3, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने भी ट्वीट कर ममता के समर्थन में कूद पड़े हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘‘पश्चिम बंगाल में सीबीआई के पुलिस कमिश्नर को गिरफ्तार करने की कोशिश की खबर से हैरान हूं। इमरजेंसी के दौरान ऐसे ही गैर संवैधानिक तरीके देश ने देखे थे। पश्चिम बंगाल में की स्थिति इमरजेंसी के दिनों जैसी ही है।’’
I am shocked learning about the CBI rushing to arrest the Police Commissioner and subsequent developments in West Bengal. The country has faced similar kind of unconstitutional methods during the Emergency.
Situation in WB is similar to that of the emergency days.#SaveDemocracy— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) February 3, 2019
वहीं, कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने कहा, “यह अच्छी बात नहीं है। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को सही तरीके से व्यवहार करना चाहिए और राज्य पर विश्वास करना चाहिए। केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। यह भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। विपक्षी नेताओं के साथ केंद्र सरकार यह कैसा व्यवहार कर रही है?”
Karnataka CM on CBI issue: This isn't a good development. I think central govt must behave properly&take confidence of state govts. Central govt is misusing constitutional institutions. It's not good for future. How central govt is behaving with opposition leaders is disastrous. pic.twitter.com/VoSVl0fng8
— ANI (@ANI) February 4, 2019
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘‘देश का आम आवाम बीजेपी और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती CBI के खिलाफ है। हम ममता बनर्जी जी के साथ खड़े हैं। तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है। लोकतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट। चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश…’’
देश का आम आवाम भाजपा और उसकी गठबंधन सहयोगी पक्षपाती CBI के ख़िलाफ़ है। हम @MamataOfficial जी के साथ खड़े है। तानाशाही का नंगा नाच हो रहा है। लोकतंत्र पर सबसे बड़ा ख़तरा। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर अभूतपूर्व संकट। चुनावी जीत के लिए देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश.. https://t.co/S5tfqvKEoA
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 3, 2019
आंध्र के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लिखा, ‘‘विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने और लोकतंत्र बचाने के लिए एकसाथ लड़ने की शुरुआत के बाद से मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी पूरी तरह से उम्मीद खो रही है। केंद्र सरकार का संस्थाओं को राज्यों में राजनीतिक विरोधिओं के खिलाफ गलत इस्तेमाल करना खतरनाक नतीजों तक पहुंचा सकता है।’’
After opposition parties started uniting and started to fight together to save democracy, the Modi led BJP is losing all hope. The misuse of institutions by the union government to victimize political opponents in States is reaching dangerous proportions.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) February 3, 2019
अपने अहम साथी नीतीश को भी अपने साथ नहीं ला पाई बीजेपी
एक तरफ जहां ममता के समर्थन में सारा विपक्ष एकजुट हो गया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को उसके अहम सहयोगी जेडीयू का भी साथ नहीं मिल पाया है। ममता सरकार और सीबीआई के बीच चल रहे विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले में वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। नीतीश ने सीधे-सीधे कुछ कहने से बचते हुए ममता या बीजेपी किसी के तरफ से खुलकर नहीं बोला है।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘इस मामले में वही लोग बता सकते हैं जो इस कार्रवाई से जुड़े हुए हैं। मैं ऐसी चीजों पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता। इन सवालों के जवाब सीबीआई और सरकार देगी। जब तक निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं करता, तब तक देश में कुछ भी हो सकता है।’
Bihar CM Nitish Kumar on CBI action in West Bengal:These things can only be explained by people who are doing it. I don’t react to such things.CBI&the govt in question will explain. Until the Election Commission announces the date of elections, anything can happen in the country. pic.twitter.com/kvAvBWrBku
— ANI (@ANI) February 4, 2019