राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर गुरुवार को दुख जताया। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान का गुरुवार को 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
राष्ट्रपति ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि पासवान दबे-कुचले लोगों की आवाज थे और हाशिये के लोगों के हित के लिए लड़ते थे। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज़ मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘दुख बयान करने के लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास। हमारे देश में ऐसा शून्य पैदा हुआ है जो शायद कभी नहीं भरेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रामविलास पासवान जी का निधन मेरे लिए निजी क्षति है। मैंने अपना एक दोस्त, बहुमूल्य सहयोगी और एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है जो हर गरीब इंसान के लिए सम्मान का जीवन सुनिश्चित करने को लेकर बहुत भावुक थे।’’ कड़ी मेहनत और दृढ़ता से राजनीति में अपनी एक विशेष पहचान बनाने वाले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक युवा नेता के रूप में पासवान ने ‘‘आपातकाल के दौरान लोकतंत्र पर हुए हमले और अत्याचार’’ का पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक उत्कृष्ट सांसद और मंत्री थे जिन्होंने नीतिगत क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’’
Shri Ram Vilas Paswan Ji rose in politics through hardwork and determination. As a young leader, he resisted tyranny and the assault on our democracy during the Emergency. He was an outstanding Parliamentarian and Minister, making lasting contributions in several policy areas. pic.twitter.com/naqx27xBoj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
उपराष्ट्रपति नायडू ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह एक अनुकरणीय नेता थे, जिन्होंने अपनी अंतिम सांस तक लोगों और देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि पासवान एक उत्कृष्ट सांसद थे और हमेशा हाशिए के लोगों के सशक्तीकरण के लिए प्रयत्नशील रहते थे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्री के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि देश के गरीब एवं दलित वर्ग ने अपनी बुलंद राजनीतिक आवाज खो दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी। उनके परिजनों को मेरी संवेदनाएं।’’
रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी।
उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 8, 2020
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘भारतीय राजनीति व केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी कमी सदैव बनी रहेगी और मोदी सरकार उनके गरीब कल्याण व बिहार के विकास के स्वप्न को पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि सदैव गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण व अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले पासवान के निधन से मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा राष्ट्रहित और जनकल्याण को सर्वोपरि रखा। शाह ने कहा, ‘‘उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हो गया है।’’
भारतीय राजनीति व केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी कमी सदैव बनी रहेगी और मोदी सरकार उनके गरीब कल्याण व बिहार के विकास के स्वपन्न को पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध रहेगी।
मैं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति
— Amit Shah (@AmitShah) October 8, 2020
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि समाज के गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों के उत्थान में पासवान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि पासवान के निधन से केंद्र सरकार, बिहार की जनता और देश को अपूरणीय क्षति हुई है।
बेंगलुरु में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने पासवान के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा, ‘‘मैं केंद्रीय मंत्री और आठ बार सांसद रहे राम विलास पासवान जी के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने मेरी सरकार में रेल मंत्री के रूप में काम किया था। उनके जैसे वरिष्ठ नेता का जाना हमारे देश के लिए बड़ी क्षति है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘रामविलास पासवान जी वर्षों से मेरी मां के पड़ोसी रहे और उनके परिवार के साथ हमारा एक निजी रिश्ता था। उनके निधन की सूचना से बेहद दुःख हुआ है। चिराग जी और परिवार के समस्त सदस्यों को मेरी गहरी संवेदना। इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ हैं।’’
रामविलास पासवान जी वर्षों से मेरी माँ के पड़ोसी रहे और उनके परिवार के साथ हमारा एक निजी रिश्ता था। उनके निधन की सूचना से बेहद दुःख हुआ है।
चिराग जी और परिवार के समस्त सदस्यों को मेरी गहरी संवेदना। इस दुखद घड़ी में हम आपके साथ हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 8, 2020
कांग्रेस के पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राम विलास पासवान जी के निधन से गहरा आघात लगा। देश की राजनीति में पासवान जी ने एक गहरी छाप छोड़ी और वंचित वर्गों की आवाज़ उठाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार में सोनिया गांधी व डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ ग़रीबी उन्मूलन में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। भावभीनी श्रद्धांजलि।’’
श्री राम विलास पासवान के निधन से गहरा आघात हुआ।
देश की राजनीति में श्री पासवान ने एक गहरी छाप छोड़ी और वंचित वर्गों की आवाज़ उठाई।
यूपीए सरकार में श्रीमती सोनिया गाँधी व डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ ग़रीबी उन्मूलन में उन्होंने क्रियाशील भूमिका निभाई।
भावभीनी श्रद्धांजलि ? pic.twitter.com/q0amUkxAML
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 8, 2020
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पासवान के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘रामविलास पासवान भारतीय राजनीति के बड़े हस्ताक्षर थे। वे प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक, मजबूत संगठनकर्ता और बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनके (पासवान) निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिये अपूरणीय क्षति है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “रामविलास पासवान जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वह एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे और लंबे से समय से सांसद थे। उनके परिवार, सहयोगियों और उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं।”
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया, “केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। वह भारतीय राजनीति के बड़े नेता थे जिन्हें देश के विकास की दिशा में बहुत योगदान दिया है।” उन्होंने कहा, “इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवार और उनके शुभ चिंतकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पासवान के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह लंबे समय तक सांसद रहे। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने ट्विटर पर अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पासवान के निधन पर गहरा दुःख एवं शोक प्रकट किया है और कहा कि वह कुशल राजनेता थे तथा कई दशकों से संसद में रहे। उन्होंने कहा, ‘‘वह दलित एवं पिछड़ों के प्रतिनिधि के रूप में जाने जाते थे।’’ उन्होंने प्रार्थना की कि ईश्वर उनकी आत्मा को चिरशांति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।’’
पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “रामबिलास भाई के असामयिक निधन का दुःखद समाचार सुन अति मर्माहत हूँ। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाइयाँ आँखों में तैर रही है। रामबिलास भाई, आप जल्दी चले गए। इससे ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ। ॐ शांति ॐ।”
रामबिलास भाई के असामयिक निधन का दुःखद समाचार सुन अति मर्माहत हूँ। विगत 45 वर्षों का अटूट रिश्ता और उनके संग लड़ी तमाम सामाजिक, राजनीतिक लड़ाइयाँ आँखों में तैर रही है।
रामबिलास भाई, आप जल्दी चले गए। इससे ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूँ।
ॐ शांति ॐ
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) October 8, 2020
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से दुखी हूं। वह हमारे देश के बहुत अच्छे नेताओं में से एक थे और उनका काम उनकी प्रतिबद्धता दर्शाता है।’’
कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष नलीन कुमार कटील ने भी पासवान के निधन पर शोक प्रकट किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी पासवान के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह बहुत लोकप्रिय नेता थे जो समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के लिए खड़े रहते थे।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी उनके निधन पर श्रद्धांजलि दी। ठाकरे ने कहा कि पासवान अपने पूरे राजनीतिक करियर में सामान्य लोगों से जुड़े रहे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और जन सेना के अध्यक्ष के पवन कल्याण ने भी पासवान के निधन पर दुख प्रकट किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पासवान को याद करते हुए कहा कि लोजपा नेता ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन का समर्थन किया था।
लोकप्रिय दलित नेता का दिल्ली के एक अस्पताल में गुरुवार की शाम 74 साल की उम्र में निधन हो गया। हाल ही में उनके हृदय का ऑपरेशन हुआ था। (इंपुट: भाषा के साथ)