राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता व महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के विवादित अधिकारी समीर वानखेड़े के परिवार पर बयानबाजी को लेकर शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है।

बता दें कि, समीर वानखेड़े के पिता ने मलिक के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें नवाब मलिक ने माफी मांगी है। मलिक ने कोर्ट को यह भरोसा दिया था कि वह वानखेड़े परिवार पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समीर वानखेड़े के परिवार पर बयानबाजी की।
#UPDATE | In response to NCB Zonal Director Sameer Wankhede's father's defamation suit against him, NCP leader Nawab Mallik apologizes to Bombay High Court for making comments despite assuring the court that he won’t make statements against Wankhede's family. https://t.co/KxoG6cRfzo
— ANI (@ANI) December 10, 2021
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने एनसीबी अधिकारी के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में माफी स्वीकार कर ली।
पीठ ने मलिक द्वारा वानखेड़े पर एक शर्त के साथ टिप्पणी नहीं करने के बारे में एक नया उपक्रम दर्ज किया कि बयान उन्हें केंद्रीय एजेंसियों और उनके अधिकारियों के राजनीतिक दुरुपयोग के खिलाफ बोलने से नहीं रोकेगा।
बयान में कहा गया है, “हालांकि मुझे विश्वास है कि मेरा बयान मुझे केंद्रीय एजेंसियों के राजनीतिक दुरुपयोग और उनके अधिकारियों के आधिकारिक कर्तव्यों के प्रदर्शन के दौरान उनके आचरण पर टिप्पणी करने से नहीं रोकेगा।”
मलिक का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय ने किया जबकि ज्ञानदेव वानखेड़े का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने किया।
बता दें कि, नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर अपना ‘‘वास्तविक धर्म- इस्लाम’’ छिपाने और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया था। मलिक ने कहा था समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं लेकिन आरक्षित श्रेणी के तहत नौकरी पाने के लिए जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा किया है। हालांकि, वानखेड़े आरोपों से इनकार करते रहे हैं।
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