वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने रविवार (28 जनवरी) को उत्तर प्रदेश के कासंगज में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर समाचार चैनल ‘आज तक’ द्वारा फैलाए जा रहे कथित ‘झूठ’ को लेकर नाराजगी व्यक्त की। बता दें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर हुई सांप्रदायिक हिंसा केवल तिरंगा यात्रा के लिए रास्ता न देने के लिए हुई थी, क्योंकि दूसरे पक्ष के लोग भी तिरंगा फहराने के लिए सड़कों पर कुर्सी लगा रहे थे। इस दौरान भड़की हिंसा में एक युवक की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं।अभिसार शर्मा ने रविवार को फेसबुक लाइव कर बिना किसी का नाम लिए समाचार चैनल ‘आज तक’ के पत्रकारों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। अभिसार का आरोप है कि ‘आज तक’ और उनके पत्रकार कासगंज हिंसा को लेकर कथित तौर पर भ्रामक खबर दिखा रहे हैं। अभिसार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
सोशल मीडिया पर अभिसार को भारी समर्थन मिल रहा है। कई वरिष्ठ पत्रकार, सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अभिसार के इस वीडियो को शेयर करते हुए कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा की हकीकत बताने के लिए सराहना की है। साथ ही नाराज लोगों ने ‘आज तक’ सहित पूरे ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप को बहिष्कार करने की अपील की है।
पत्रकार अभिसार ने 'आज तक' के तथाकथित पत्रकारों रोहित सरदाना और श्वेता सिंह द्वारा फैलाये जा रहे झूठों का किया पर्दाफ़ाश
Posted by जनता का रिपोर्टर on Sunday, January 28, 2018
Congrats @abhisar_sharma ! https://t.co/UHt6KUlwc9
— nikhil wagle (@waglenikhil) January 28, 2018
#Kasganj truths unearthed by @abhisar_sharma . Excellent work. https://t.co/Rj9ciLS19Y
— Karuna Nundy (@karunanundy) January 28, 2018
Cc @abhisar_sharma how low can some propagandists sink? Incitement? What next? Desperate to start riots. @aroonpurie https://t.co/h1JNUzvWoO
— Swati Chaturvedi (@bainjal) January 28, 2018
Kudos to you @abhisar_sharma for this. Personally going to lodge a formal complaint in BEA against these communal agents misusing the medium they have liberty of with no sense of responsibility. @aroonpurie @supriyapd @rahulkanwal @sardesairajdeep pic.twitter.com/dM29avoltK
— Dr. Neha Singh (@TheNehaTweets) January 28, 2018
कासगंज हिंसा की क्या है हकीकत?
दरअसल, पहले मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि जब हिंदू संगठन के लोग 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे कि मुसलमानों ने उन्हें रास्ता नहीं दिया। जिसके बाद हिंदू युवाओं ने वंदे मातरम के नारे लगाए तो मुसलमानों ने जवाब में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। हालांकि ‘आज तक’ सहित तमाम चैनलों का ये दावा बिना सबूत के पेश किया गया।
कासगंज हिंसा की पूरी हकीकत रविवार को एक वीडियो के सामने आने के बाद हुआ। इस वीडियो हिंसा वाली जगह पर करीब 50-60 लोगों का एक ग्रुप हाथ में तिरंगा और भगवा रंग का झंडा लिए चिल्ला रहे थे कि “बाइक तो यहीं से जाएगी।” इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां दंगा हुआ वहां दोनों ही पक्षों के पास तिरंगा था और पूरा फसाद रास्ते को लेकर हुआ।
अखबार के मुताबिक, कासगंज के बद्दू नगर के स्थानीय मुसलमानों ने गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने की तैयारियां की थीं और रास्ते में कुर्सियां बिछाईं गईं थीं। वहीं बाइकों पर निकल रही तिरंगा रैली में शामिल हिंदू युवाओं ने कुर्सियां हटाकर रैली वहीं से निकालने के लिए कहा था। जिसने बाद देखते-देखते यह विवाद सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया।
स्थानीय निवासी मोहम्मज मुनाज़ीर रफी ने अखबार से कहा कि “वे (हिंदू संगठन के लोग) नारे लगा रहे थे। हमने उनसे आग्रह किया कि पहले हमारा गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम खत्म होने दें, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे और वहां से नहीं हटे।” रफी ने कहा कि मैंने गणतंत्र दिवस मनाने के लिए 200 रुपए का अपनी तरफ से योगदान दिया था। मैं सुबह घर से कासगंज कोर्ट के लिए निकल गया था, जहां पर तिरंगा फहराने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
जब मैं वापस आया तो हमारे स्थानीय इलाके में लोग गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के लिए कुर्सी लगा रहे थे। इसी दौरान अचानक 50-60 लोगों का एक ग्रुप बाइक पर वहां पहुंचा और कुर्सी हटाने के लिए कहने लगा। रफी ने कहा कि हमने उनसे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। वहां कई लोग इकट्ठे हो गए और धक्का-मुक्की भी हुई।
रफी ने कहा कि इसके बाद वे लोग अपनी बाइक लेकर वहां से निकल गए। मैंने कासगंज पुलिस को फोन किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। इसी प्रकार की एक रैली पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित की गई थी, लेकिन उस समय ऐसा कुछ नहीं हुआ था। हम देशभक्त हैं लेकिन अभी हमें देशद्रोहियों की तरह प्रदर्शित किया जा रहा है। आईजीपी ध्रुव कांत ठाकुर ने भी अखबार को बताया कि, “जहां घटना हुई वहां मुस्लिम समुदाय के लोग तिरंगा फहराने की तैयारी कर रहे थे।”
वहीं, कासगंज एडिशनल एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी के अनुसार, पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग कराया था। उन्होंने कहा बाइक सवार लोग फिर से एक जगह इकट्ठा हुए और तेहसील रोड के चक्कर लगाने लगे। वहां एक अन्य मुस्लिम बहुल इलाके के लोगों ने सोचा कि वे लोग प्रतिशोध की भावना से वहां चक्कर लगा रहे हैं। यहीं से हिंसा की शुरुआत हुई, जिसमें गोली लगने के कारण 28 साल के चंदन गुप्ता नाम के युवक की जान चली गई।”
‘आज तक’ के पत्रकारों पर भड़के यूजर्स
इस बीच ‘आज तक’ के एंकर स्वेता सिंह और रोहित सरदाना पर आरोप है कि वे दोनों अपने-अपने कार्यक्रम में कासगंज हिंसा के लिए बिना किसी तथ्य के मुसलमानों को दोषी करार दे रहे हैं। दोनों का ट्वीट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई है। दोनों का ट्वीट भी काफी भड़काऊ हैं।
‘आज तक’ की इस एक तरफा कवरेज का सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है और लोगों द्वारा चैनल के ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करना शुरू कर दिया गया है। साथ ही रविवार को ट्विटर पर #दंगाई_सरदाना टॉप 10 में ट्रेंड कर रहा था। इस हैशटैग का इस्तेमाल कर लोगों ने अपनी बात दुनिया के सामने रखने की कोशिश की। काफी संख्या में यूज़र्स ने चैनल को भी बॉयकॉट करने की बात की।
देखिए, लोगों ने कुछ इस तरह ट्वीट किया:-
A simple guide to block BJP & RSS propaganda News channel @aajtak from your DTH.
I have blocked @ZeeNews @republic @indiatvnews
Now Its time to block @aajtak too.
Don't give them TRP. @aroonpurie @sardanarohit#blockAajTak RT & Spread it in 'national internet' ?#दंगाई_सरदाना pic.twitter.com/de00jiiVgT— RYP उपाध्यक्ष ( Critically Yours ?) (@Roflnath) January 28, 2018
https://twitter.com/pbhushanL/status/957590996983848960?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=http%3A%2F%2Fwww.jantakareporter.com%2Findia%2Fkasganj-violence-journalist-abhisar-sharma-exposes-lies-aaj-tak-even-demand-boycott-india-today-grows%2F170765%2F
Hey, @aajtak ! Are you going to take any action against these "journalists", who seem to have lied to cause communal unrest? You know that's a crime, right? I'm sure someone in your organisation, cares for India enough not to let this go, yes? https://t.co/ZduLAzsRQi
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) January 29, 2018
This type of journalism is going to harm our country for long term …. #दंगाई_सरदाना जैसे लोग termites होते हैं … जो अपने देश को अंदर से खोखला बना रहे हैं … & We will not realise it before it is too late ….????
— Veena D (@The_veenaD) January 28, 2018
Boycott AajTak anchor whose claims could have incited communal tensions: Kasganj violence: Journalist Abhisar Sharma exposes ‘lies’ of Aaj Tak even as demand to boycott India Today grows https://t.co/IJlRqhoH67 via @Janta Ka Reporter 2.0
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) January 29, 2018
@sardanarohit slogans which were raised there, “Munh me gilori bagal me paan, Mullon Tum jao Pakistan”, is provocative when Muslims were celebrating Republic Day Pls come out of the studio & social media journalism Reality is not as catchy as ur Twitter one liners#दंगाई_सरदाना
— awais (@AwaisShah86) January 28, 2018
Rohit Sardana is a blot on democracy and an embarrassment to journalism. #दंगाई_सरदाना pic.twitter.com/6iZzzqCBPf
— Rofl Republic (@i_theindian) January 28, 2018
https://twitter.com/dho_dala/status/957646578688258050?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=http%3A%2F%2Fwww.jantakareporter.com%2Findia%2Fkasganj-violence-journalist-abhisar-sharma-exposes-lies-aaj-tak-even-demand-boycott-india-today-grows%2F170765%2F
Sweta Singh is Madhu Kishwar without any “If this is true” Rider. New video has proven that in that Muslim locality #kasganj already Republic Day program with Indian flag hoisting was going on.
why is sweta spreading fake news and inciting communal violence? pic.twitter.com/klfVe4KPAY
— Ravi Ratan (@scribe_it) January 28, 2018
.@aroonpurie No hope, but requesting you to do take action against rohit sardana and sweta singh, whos tried to initiate riot.
— Vikram Singh (@viingh) January 28, 2018