उत्तर प्रदेश के बदहाल अस्पतालों की पोल खुलने के बाद योगी सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है। टीवी चैनल्स पर सरकार के मंत्री और प्रवक्ताओं ने यूपी के पिछले 10 वर्षो पर सारा ठिकरा फोड़ना शुरू कर दिया है। जबकि इसम मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- यह हादसा नहीं, नरसंहार है।
बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान 36 मासूमों की मौत ने सबको झकझोर दिया है। लेकिन सरकार और प्रशासन अपनी किसी भी कमी और लापरवाही की बात से पल्ला झाड़ रही है। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर पर दी है। उन्होंने कहा है कि बिना ऑक्सीजन के 30 बच्चों की मौत हादसा नहीं, हत्या है। क्या हमारे बच्चों के लिए आजादी के 70 सालों का यही मतलब है।
30 kids died in hospital without oxygen. This is not a tragedy. It's a massacre. Is this what 70 years of freedom means for our children?
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) August 11, 2017
तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां का दौरा किया था। लेकिन मीडिया जब आज वहां पहुंचा तो देखा कि अस्पताल के डाक्टरों ने नवजात को ज़मीन पर बाहर लेटा रखा था जबकि परिवार वाले उनसे गुहार लगा रहे थे कि बच्चें को ICU में रख लिजिए। मीडिया में दिखाई गई इस रिपोर्ट ने अस्पताल प्रशासन की पोल खोल दी है।
कैलाश ने एक और ट्वीट में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए लिखा है कि आपका एक निर्णायक हस्तक्षेप दशकों से चली रही भ्रष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक कर सकती है ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके.
Appeal to CM @myogiadityanath Ji. Your decisive intervention can correct decades of corrupt medical system of UP to prevent such incidents.
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) August 11, 2017
48 घंटों के बीच हुई इन मौतों की आधिकारिक वजह अभी सामने नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी एक मुख्य कारण है। इस पूरे मामले में सरकार और प्रशासन ने बचाव का पक्ष अपनाया हुआ है। गोरखपुर के जिलाधिकारी बच्चों की मौत की सही वजह बताने के लिए जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है जबकि यूपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत से इनकार कर रहे हैं।