भारत और अफगानिस्तान के बीच बने नए हवाई कॉरिडोर से चीनी मीडिया बौखला गया है। चीन सरकार का मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने इस कॉरिडोर को भारत के ‘भू राजनीतिक चिंतन का अक्खड़पन’ करार दिया है। बता दें कि भारत और अफगानिस्तान से जुड़े प्रोजेक्ट को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) का जवाब माना जा रहा है।
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक, ‘भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच पहले से प्रस्तावित रूट्स बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। क्या भारत, पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान और दूसरे मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापारिक संबंध विकसित करेगा?’
लेख में कहा गया है कि संबंध बढ़ाने की इन सभी कोशिशों से भारत ने इच्छा जताई है कि वह क्षेत्रीय आर्थिक विकास में साझेदारी बढ़ाना चाहता है। हालांकि, इससे उसकी अक्खड़ क्षेत्रीय और राजनीतिक समझ जाहिर होती है। लेख में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत के विरोध का भी जिक्र है।
बता दें कि भारत इस कॉरिडोर का पुरजोर विरोध कर रहा है। पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाले इस आर्थिक गलियारा को लेकर भारत ने अपनी चिंताएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रखी हैं। लेख में कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे का हमेशा विरोध किया था, जबकि वो खुद कनेक्टिविटी के जरिए क्षेत्रीय आर्थिक विकास में शामिल है। इससे भारत का जिद्दीपन उजागर हुआ है।
लेख में इस बात पर जोर दिया गया है कि तनाव के बावजूद भारत को पाकिस्तान के साथ आर्थिक और व्यापारिक सहयोग बेहतर करना चाहिए। लेख में आगे लिखा है, ‘कोई मायने नहीं रखता कि भारत क्या सोच रहा है? अगर इस देश को वाकई में क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भागीदार बनना है तो उसे उस पाकिस्तान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो सबसे प्रभावी और सस्ता जमीनी रूट मुहैया करा रहा है।’
बता दें कि पिछले हफ्ते ही इस कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ था। इसे शुरू करने का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देना और मध्य एशियाई देशों की भारतीय बाजार तक पहुंच को बेहतर बनाना है। भारत बीते काफी वक्त से अफगानिस्तान के साथ मिलकर ज्यादा भरोसेमंद वैकल्पिक रास्तों को शुरू करने पर काम कर रहा है।