बजरंग बली की ‘जाति’ पर घमासान जारी: अब मोदी के मंत्री बोले- ‘आर्य थे हनुमान जी’, रामदेव ने बताया ‘ब्राह्मण’, सीएम योगी बता चुके हैं ‘दलित’

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से हिंदुओं के आराध्य भगवान हनुमान को दलित बताए जाने के बाद शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में सीएम योगी के बाद केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह भी शामिल हो गए हैं। बागपत से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सत्यपाल सिंह ने भगवान हनुमान की पहचान को लेकर नया दावा किया है। मोदी सरकार में मंत्री सत्यपाल सिंह का दावा है कि हनुमान जी आर्य थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भगवान राम और हनुमान जी के युग में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी। इसलिए हनुमान जी आर्य थे।

File Photo: Templesofindia

केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘भगवान राम और हनुमान जी के युग में, इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी। कोई दलित, वंचित और शोषित नहीं था। वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस को आप अगर पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय जाति व्यवस्था नहीं थी। हनुमान जी आर्य थे। इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य थे और हनुमान जी उस आर्य जाति के महापुरुष थे।’

रामदेव ने बताया ‘ब्राह्मण’

अब इस विवाद में योग गुरु बाबा रामदेव भी कूद गए हैं। रामदेव ने शुक्रवार को कहा कि गुणों के आधार पर भगवान हनुमान ‘ब्राह्मण’ हैं। रामदेव ने रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शास्त्रों में भगवान हनुमान की जाति का कोई उल्लेख नहीं है। लेकिन गुणों और कर्म के आधार पर वह ब्राह्मण हैं। उन्होंने कहा, भगवान हनुमान वेदों के ज्ञाता हैं। भारतीय संस्कृति के मूल में जन्म के आधार पर जाति की व्यवस्था नहीं है, बल्कि कर्म इसका आधार है। इसलिए भगवान हनुमान कर्म के आधार पर ब्राह्मण हैं। वह योद्धा हैं, इसिलए क्षत्रिय हैं।

नंद कुमार साय बोले- आदिवासी थे बजरंग बली 

इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने गुरुवार को कहा था कि भगवान हनुमान आदिवासी हैं। लखनऊ में एक कार्यक्रम में बोलते हुए साय ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि लोग मानते हैं कि भगवान राम की सेना में वानर, भालू और गिद्द थे। उन्होंने कहा कि उरावं जनजाति की ओर से बोली जाने वाली ‘कुरुख’ भाषा में ‘टिग्गा’ (गोत्र) का मतलब ‘वानर’ होता है। वहीं ‘कनवार’ जाति में जिसका मैं सदस्य हूं, इस गोत्र के लोगों को हनुमान कहा जाता है।

सीएम योगी के बयान पर बवाल

गौरतलब है कि गत मंगलवार को राजस्थान के अलवर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि भगवान हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। बजरंग बली ने भारत के सभी समुदायों को जोड़ने का काम किया था। सीएम योगी ने कहा, ‘बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पुरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं।’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हिंदुओं के आराध्य हनुमान को दलित और वंचित बताया जाना राजस्थान के कई लोगों को रास नहीं आया है। यहां के एक संगठन सर्व ब्राह्मण समाज ने तो इस मामले में योगी आदित्यनाथ को नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है। नाराज ब्राह्मण समाज ने नोटिस में कहा है कि हनुमान भगवान हैं। उन्हें वंचित और लोकदेवता बताना न केवल उनका बल्कि लाखों हनुमान भक्तों का अपमान है।

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