गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार(16 मार्च) को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। विश्वास मत के पक्ष में 22 विधायकों ने मतदान किया, जबकि सरकार के विरोध में सिर्फ 16 वोट पड़े। उधर कांग्रेस के विधायक विश्वजीत राणे ने वोटिंग का बहिष्कार किया। गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पर्रिकर को विधानसभा में आज बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।
मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार(14 मार्च) को गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली थी। बता दें कि कांग्रेस से कम सीटें लाकर भी बीजेपी ने अन्य दलों के सहयोग से गोवा में सरकार बनाई है। विश्वास मत जीतने के बाद मुख्यमंत्री पर्रिकर ने कहा कि हमने शुरू में कहा था कि 23 विधायक हमारे साथ हैं, अभी भी 22 ने पक्ष में वोट दिया। स्पीकर भी हमारी तरफ हैं, लेकिन वह वोट नहीं कर सकते थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शक्ति परीक्षण करवाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।
पर्रिकर ने इस हफ्ते की शुरूआत में रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और गत 14 मार्च को उन्हें तथा अन्य नौ विधायकों को राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शपथ ग्रहण करवाई थी।
विश्वास मत में भाजपा के 12 विधायकों, गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन विधायकों, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन विधायकों, तीन निर्दलीयों के अलावा राकांपा के एक विधायक ने भी 61 वर्षीय नेता के पक्ष में मत दिया। विपक्ष में कांग्रेस के 16 विधायक मौजूद थे, जबकि नवनिर्वाचित सदस्य विश्वजीत राणे मतदान के वक्त गैरमौजूद रहे।
इससे पहले मंगलवार को गोवा में मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद गोवा में सरकार गठन को लेकर बीजेपी का रास्ता साफ हो गया था।
गौरतलब है कि गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। भाजपा राज्य की 40 विधानसभा क्षेत्रों में 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस ने 17 सीटें जीती हैं। बहरहाल, भाजपा पर्रिकर के नेतृत्व में अन्य पार्टियों और निर्दलीय का समर्थन हासिल करके संख्याबल जुटाने में कामयाब रही।