मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने वाले बुजुर्ग रमेश प्रजापति (70) की रविवार शाम उपचार के दौरान मौत हो गई।
रमेश प्रजापति मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ता थे, और माकपा ने इसे प्रजापति द्वारा हताशा में उठाया गया कदम बताया है। गीता भवन चौराहा पर शुक्रवार शाम रमेश प्रजापति ने आत्मदाह की कोशिश की थी। उन्होंने बस से उतर कर खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। आत्मदाह के दौरान उन्होंने कुछ पर्चे भी फेंके थे। जिसके बाद से उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। रविवार देर शाम उनका निधन हो गया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, तुकोगंज थाना प्रभारी निर्मल श्रीवास ने रमेश की मौत की पुष्टि की है। अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव और माकपा के पूर्व राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा, “सीएए को लेकर लोगों में बेचैनी है, इस पर संवाद भी नहीं हो रहा है। इससे लोगों में हताशा भी है। रमेश ने भी इसी हताशा के चलते यह कदम उठाया। लेकिन माकपा इस तरीके से सहमत नहीं है।”
गौरतलब है कि, देश भर में नागरिकात संशोधन कानून का विरोध जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को वापस ले। लेकिन मोदी सरकार अड़ी हुई है। न तो वह इस कानून को वापस ले रही है और न इसमें कोई बदलवा करने को तैयार है।