भारत भले ही हेल्थ टूरिज्म का सेंटर बनता जा रहा हो और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हो। लेकिन सच यही है कि हमारे यहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमीं है। भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है।अब ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से आई है, जहां कथित रूप से सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराए जाने की वजह से मृतक के परिजन शव को रिक्शे पर लादकर ले गए। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के सूत्रों ने बताया कि रामआसरे (44) नामक व्यक्ति का शव कल रेल की पटरी से बरामद हुआ था। उसके परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए रिक्शे पर लाद कर ले गए थे। यह मामला शनिवार (8 जुलाई) का है।
Banda (UP): Dead body of man carried in a rickshaw followed by Government Railway Police (GRP) constable sitting in an e-rickshaw. (July 8) pic.twitter.com/r2e515Mji8
— ANI UP (@ANINewsUP) July 9, 2017
शख्स द्वारा रिक्शे पर जा रहे शव का वीडियो सोशल मीडिया तथा समाचार चैनलों पर खूब प्रसारित किया गया। इस मामले में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर संतोष कुमार ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि मृतक के परिजन ने शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने के वास्ते एम्बुलेंस की जरूरत के बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई सूचना नहीं दी थी।
उन्होंने कहा कि शव के पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार के लिए परिजन को सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई है। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बहुप्रचारित एम्बुलेंस सेवा के बावजूद हाल के दिनों में पात्रों को इसका लाभ नहीं मिलने की घटनाएं सामने आई हैं।
पिछले महीने कौशाम्बी में कथित रूप में एम्बुलेंस नहीं मिलने पर एक व्यक्ति को सात साल की अपनी रिश्तेदार बच्ची का शव साइकिल से ले जाना पड़ा था। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि जब सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस मांगी गई तो उन्होंने 800 रुपए मांगे। पीड़ित के पास इतना पैसे नहीं होने की वजह से शव को साइकिल पर ले जाने को मजबूर हुआ था।