गोवा में राज्यपाल द्वारा मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के फैसले को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पर्रिकर के शपथ लेने पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच आज(14 मार्च) करीब 11 बजे सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ही यह तय होगा कि गोवा के लिए रक्षा मंत्री की कुर्सी छोड़ने वाले पर्रिकर क्या आज शाम सीएम पद की शपथ ले पाएंगे या नहीं?
दरअसल, रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने 21 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपते हुए गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया है। साथ ही उन्हें गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
भाजपा राज्य की 40 विधानसभा क्षेत्रों में 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस ने 17 सीटें जीती हैं। बहरहाल, भाजपा पर्रिकर के नेतृत्व में अन्य पार्टियों और निर्दलीय का समर्थन हासिल करके संख्याबल जुटाने में कामयाब रही। क्योंकि गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक, एमजीपी के तीन विधायक और दो निर्दलीयों ने पर्रिकर को समर्थन देने का एलान किया था।
जिसके बाद कांग्रेस ने कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के बीजेपी दावे को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए।