जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के 27 साल के एक छात्र ने दक्षिण दिल्ली के मुनिरका इलाके में सोमवार(13 मार्च) शाम अवसाद के चलते कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि मुथुकृष्णनन जीवानंदम (रजनी कृष) नाम का यह युवक जेएनयू में एमफिल का छात्र था।
पुलिस के मुताबिक वह निजी कारणों को लेकर अवसाद में था, जबकि उसके दोस्तों ने उसका फेसबुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उसने एमफिल और पीएचडी दाखिले में कथित भेदभाव का आरोप लगाया था।
कृष ने 10 मार्च को किए फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘एमफिल: पीएचडी दाखिले में कोई समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता है..।’ उन्होंने कहा कि ‘जब समानता नहीं मिलती है तब कोई चीज नहीं मिलती है।’पुलिस ने बताया कि अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि क्या उसके यह कठोर कदम उठाने के पीछे विश्वविद्यालय का कोई मुद्दा है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से वह निजी कारणों को लेकर अवसाद में था। पुलिस ने उसका शव पंखे से लटका पाया।
छात्रों के मुतबिक, रजनी भी अनुसूचित जाति से थे और वह रोहित वेमुला की मौत के बाद हुए आंदोलन में सक्रिय रहते थे। गौरतलब है कि एक साल पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत हुई थी, जिसके बाद सड़क से लेकर संसद तक जमकर हंगामा हुआ था। रोहित वेमुला के बाद कथित तौर पर जेएनयू के एक और दलित छात्र की आत्महत्या का मामला गरमाता जा रहा है।