भारतीय बैंकों के करीब 9000 करोड़ लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी प्रकरण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए पूछा, ‘क्या भारत सरकार की भागीदारी से मिली मोदी जी के मेहुल भाई को एंटीगुआ की राष्ट्रीयता?’
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण की ओर से केंद्र सरकार पर यह हमला उस वक्त आया जब एंटिगुआ सरकार ने दावा किया है कि भारत और यहां की जांच एजेंसियों से क्लीनचिट दिए जाने के बाद ही उसने मेहुल चोकसी को अपने देश की नागरिकता दी है।
अरविंद केजरीवाल ने शनिवार(4 अगस्त) की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सीबीआई ने लंदन में माल्या के केश को कमजोर किया। चोकसी को भागने में और दूसरे देश की नागरिकता पाने में मदद की और उसके बाद मोदी सरकार प्रत्यर्पण की मांग का नाटक करती है। ये तो देश के साथ गद्दारी है न।’ बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने यह ट्वीट एक समाचार को शेयर करते वक्त किया है।
CBI weakens case against Mallya in London, facilitates Choksi to flee from India and obtain citizenship of another country.
Then Modi govt makes a drama of seeking their extradition
ये तो देश के साथ ग़द्दारी है ना… https://t.co/8CgEuTAgHx
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 4, 2018
वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए लिखा, “क्या चौकीदार की चौकसी बदली चोकसी से भागीदारी में? क्या भारत सरकार की भागीदारी से मिली मोदी जी के मेहुल भाई को एंटीगुआ की राष्ट्रीयता?” बता दें कि प्रशांत भूषण ने भी यह ट्वीट एक समाचार को शेयर करते वक्त किया है।
क्या चौकीदार की चौकसी बदली चोकसी से भागीदारी में? क्या भारत सरकार की भागीदारी से मिली मोदी जी के मेहुल भाई को एंटीगुआ की राष्ट्रीयता?https://t.co/0yWtRE3Oe8
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 3, 2018
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटिगुआ सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि 13000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी, एंटिगुआ की नागरिकता के लिए बिल्कुल सही उम्मीदवार था। उनके मुताबिक चौकसी के नाम पर भारत सरकार की एजेंसियों ने हरी झंडी दिखाई थी।
एंटिगुआ सरकार के मुताबिक चौकसी ने बीते साल मई में अर्ज़ी दी थी। विदेश मंत्रालय और सेबी ने उनको क्लीन चिट दी। चौकसी ने एंटिगुआ की निवेश नागरिकता नीति के तहत वहां की नागरिकता ली। सीबीआई उसके लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी नहीं करवा पाई, जबकि नीरव मोदी के लिए दो रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुए।