रविवार को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक समाचार रिपोर्ट पर मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह के स्वामित्व वाली कंपनी ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कारोबार में अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ोतरी की है। (पूरी रिपोर्ट यहां देखें)
न्यूज वेबसाइट ‘वायर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में चुनाव में निर्वाचित होने और पार्टी प्रमुख के रूप में अमित शाह को बीजेपी की कमान के बाद उनके बेटे जय शाह के स्वामित्व वाली कंपनी का कारोबार में 16,000 गुना बढ़ोत्तरी हुई जो रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनीज (RoC) के आंकड़ो से ज्ञात है।
इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद मोदी सरकार में बैठे उच्चतम स्तर के लोगों को अनौपचारिक व अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने के तौर पर देखा गया जो सरकार के लिए एक झटका साबित हुआ।
जैसा कि उम्मीद थी सिब्बल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को एनडीटीवी को छोड़कर सभी चैनल्स ने प्रसारित करने की जरूरत नहीं समझी। टाइम्स नाउ ने सिब्बल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को केवल एक टिकर के रूप में (नीचे देखें) फ्लैश करने का फैसला किया।
इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिब्बल का कहना था कि किसी चैनल ने इसका प्रसारण नहीं किया, हो सकता है कि उच्च स्तर पर बैठे लोगों को अपनी पत्रकारिता को दिखाने का प्रयास किया गया हो। रिपब्लिक टी.वी, न्यूज 18, इंडिया टुडे और न्यूजएक्स भी सिब्बल की मीडिया ब्रीफिंग को कवर करने से डर रहे थे, जो अमित शाह और मोदी से खौफ खाते है। यहां तक कि समाचार एजेंसी ANI जो आम तौर पर सभी प्रमुख समाचार और घटनाक्रमों पर तुरन्त फ्लैश चमकाती है उसने भी इसे अनदेखा करने का फैसला किया। इसके बजाय इस समाचार एजेंसी प्रधानमंत्री मोदी की गुजरात यात्रा पर अपने ट्विटर हैंडल से नजर बनाए रखने में व्यस्त थी।
भारत में मीडिया द्वारा सरकार विरोधी खबरों को दबाने का उदाहरण पहली बार नहीं है। इससे पहले भी सरकार विरोधी आवाजों को मीडिया ने उठाने से मना कर दिया था। पिछले दिनों मोदी सरकार के फैसलों के खिलाफ पी चिदंबरम की प्रेस कॉन्फ्रेंस को याद किया जाए तब मीडिया ने उसे न दिखाने का फैसला लिया था। इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना की थी तब भी मीडिया ने इस पर किसी तरह की कोई डिबेट, कार्यक्रम या कवरेज से परहेज रखा था।
मीडिया के इस तरह के भय पर कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने ‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत में कहा था कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते पत्रकारों को अपनी जिम्मेदारियों को महसूस करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने श्री चिदंबरम के प्रेस कॉन्फ्रेंस को सरकार के डर की वजह से लाइव प्रसारित नहीं करने का फैसला किया। सुरजेवाला ने कहा कि इस वक्त सूचना और प्रसारण मंत्री (स्मृति ईरानी) से मीडिया हाउस और एजेंसियां खतरा महसूस कर रही हैं।