केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड पर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2018 का पालन नहीं करने के लिए एक करोड़ का जुर्माना लगाया है और इसे भुगतान करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इसके अलावा कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर भी जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों पर करीब 72 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।

हिन्दुस्तान टाईम्स की ख़बर के मुताबिक, पतंजलि पेय प्राइवेट लिमिटेड को सीपसीबी के अध्यक्ष शिव दास मीना की तरफ से 3 फरवरी की तारीख का पत्र मिला है। पत्र में लिखा है कि कंपनी ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) नियमों के नियम 9 “विस्तारित निर्माता दायित्व के सिद्धांत के संदर्भ में…” का उल्लंघन किया है।
नियम कंपनियों को अपने उत्पादों के कारण उत्पन्न प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करने के लिए आदेश देते हैं।
CPCB ने अपने पत्र में कहा है कि निकाय ने फरवरी और अगस्त में कंपनी को पत्र जारी किए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसने सीपीसीबी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को इसके बारे में जानकारी दी। इसके बाद एनजीटी ने सितंबर 2020 में सीपीसीबी को गैर-अनुपालन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पतंजलि के जनसंपर्क अधिकारी एसके तिजारीवाला ने कहा कि उन्हें सीपीसीबी से नोटिस प्राप्त हुआ है और अनुपालन करने के लिए प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रिया का मूल्यांकन कर रहे हैं। तिजारीवाला ने कहा कि हम इस मामले पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हम अभी भी इस मामले में विस्तार से जान रहे हैं। सीपीसीबी ने कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से सितंबर 2020 के दौरान बिसलेरी का प्लास्टिक का कचरा 21 हजार 500 टन रहा है। वहीं, पेप्सी की बात करें 11,194 टन प्लास्टिक कचरा है। कोका कोला के पास 4,417 टन प्लास्टिक कचरा था। इस वजह से बिसलेरी को 10.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। सभी कंपनियों को जुर्माना हटाने और उल्लंघन करने वाले नियमों को पूरा करने के लिए 15 दिनों की समय-सीमा दी गई है।
बता दें कि, एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी एक पॉलिसी पैमाना होता है, इसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को उत्पाद के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है।