कर्नाटक से आनेकल के एक सरकारी अस्पताल में देश की इंसानियत को शर्मशार करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां एक पिता अपने 3 साल के बेटे रहीम के शव को अस्पताल से घर तक दोपहिया वाहन पर लादकर ले गया।
photo- ABP NEWSमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (30 अप्रैल) को एक कार ने सफन राय के तीन साल के बेटे रहीम को टक्कर मार दी, जिसके बाद उसे (रहीम) आनेकल के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया तो वहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। श्रमिक पिता को नहीं पता था कि अस्पताल से उसे मुफ्त एंबुलेंस की सुविधा मिल सकती है।
उसके बाद पिता ने अपने बेटे की लाश को घर तक ले जाने के लिए अपने एक परिचित को दोपहिया गाड़ी लेकर बुलाया लेकिन जब सफन अस्पातल के बाहर अपने किसी परिचित का इंतजार कर रहे थे, तभी किसी ने अपने फोन से उनका वीडियो बना लिया। जिसके बाद यह वीडियो कर्नाटक के लोकल चैनल पर दिखाया गया।
जब स्थानीय चैनलों पर ये मामला दिखाया जाने लगा तो पुलिस ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और रहीम की बॉडी को दोबारा अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को उसका शव सौंप दिया इतना ही नहीं शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेस भी मुहैया कराई गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि सफन को यह मालूम ही नहीं था कि शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस दी जाती है और अस्पताल ने भी सफन को सूचना नहीं देकर अपनी कर्तव्य निभाने में असफल हुए। सफन असम के रहने वाले हैं, जो अब कर्नाटक में मजदूरी करते हैं इस वजह से वह कर्नाटक की भाषा नहीं जानते हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी ऐसा मामला देखने को मिल चुका है, ओडिशा के कालाहांडी जिले में पत्नी का शव कंधे पर लेकर 10 किलोमीटर तक चलने वाले आदिवासी दाना मांझी की तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिला दिया था।