भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हरिनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने गुरुवार को इस बात का खंडन किया कि उन्होंने नेशनल डेवलपमेंट कोर्स में डिप्लोमा चीन की नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) से किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक महीने का यह कोर्स ताइवान से किया है, जिसमें 18 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता ने चीन की एनडीयू से नेशनल डेवलपमेंट कोर्स में डिप्लोमा करने के लिए ट्रोल किए जाने के बाद यह स्पष्टीकरण दिया है। उनके चुनावी हलफनामे में 2017 में एनडीयू रिपब्लिक ऑफ चाइना, ताइवान से नेशनल डेवलपमेंट कोर्स में डिप्लोमा करने का उल्लेख किया गया है।

तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “मुझे नहीं पता कि मेरे डिप्लोमा पर सवाल करने वाले लोग साक्षर हैं या नहीं। वे चीन और ताइवान के बीच अंतर नहीं कर सकते हैं, जो हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ रहते हैं।” डिप्लोमा के बारे में स्पष्ट करते हुए भाजपा नेता ने कहा, “यह एक महीने का कोर्स था। मुझे ताइवान सरकार से नामांकन के लिए आमंत्रण मिला था। मैं कोर्स पूरा करने के लिए दिसंबर 2017 में एक महीने के लिए वहां रुका था।” कार्यक्रम की सामग्री के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कोर्स विदेशी संबंधों व दुनिया को ताइवान को समर्थन क्यों देना चाहिए, पर केंद्रित था।’
एनडीयू की वेबसाइट के अनुसार, इसे 1906 में स्थापित किया गया था। इसके एक शताब्दी से ज्यादा के इतिहास के दौरान एनडीयू का नौ बार नाम बदला गया है। बग्गा एक स्कूल ड्रॉपआउट हैं। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में कहा है कि वह इग्नू से बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम कर रहे हैं। इग्नू का यह कार्यक्रम उन छात्रों के लिए है, जो स्नातक की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन जो कक्षा 12 पास नहीं होते हैं।
निर्वाचन क्षेत्र की अपनी योजनाओं के बारे में तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि हर दो दिन के बाद वह हरिनगर विधानसभा सीट के लिए योजना साझा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने चुनाव जीतने पर पहले 60 दिनों में हवा शुद्ध करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में स्मॉग टॉवर लगवाने की बात कही है।’ बग्गा का मुकाबला कांग्रेस के सुरिंदर सिंह सेतिया और AAP की राजकुमारी ढिल्लों से है।
बता दें कि, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर आठ फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को मतगणना होनी है। दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति भी पिछले चुनाव के मुकाबले मज़बूत लग रही है।