भारतीय क्रिकेट टीम के नव नियुक्त कोच रवि शास्त्री अपने सहयोगी स्टाफ में जहीर खान की भरत अरुण की गेंदबाजी कोच के रूप में वापसी कराने में सफल हो गए हैं। बीसीसीआई से जहीर खान और राहुल द्रविड़ का पत्ता कट गया है। जी हां, भरत अरुण भारतीय पुरुष टीम के गेंदबाजी कोच बनाए गए है। इसके साथ ही पूर्व क्रिकेटर संजय बांगर को टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया है, जबकि आर. श्रीधर टीम इंडिया के फील्डिंग कोच होंगे। इस तरह रवि शास्त्री को उनका पसंदीदा कोचिंग स्टाफ मिल गया है।
(TOI Photo)54 साल के भरत अरुण अब श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच की कमान संभालेंगे। भरत अरुण ने 1986 में गेंदबाज के तौर पर अपना टेस्ट और वनडे में डेब्यू किया था। अरुण को 2014 में जो डावेस की जगह गेंदबाजी कोच बनाया गया था और वह 2016 में शास्त्री को बाहर किए जाने तक टीम के साथ थे।
अरुण का खिलाड़ी के रूप में करियर भले ही अच्छा नहीं रहा हो, लेकिन उन्हें हमेशा बेहतरीन अकादमी कोच माना जाता रहा है। तेज गेंदबाजी से जुड़ी चीजों पर उनकी अच्छी पकड़ है। अरुण और शास्त्री दोनों ही 80 के दशक के शुरुआती वर्षों में अंडर-19 के दिनों से दोस्त हैं।
शास्त्री की सिफारिश पर ही तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने अरुण को सीनियर टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया था। तब वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में गेंदबाजी सलाहकार थे। हालांकि, अरुण महज दो टेस्ट और चार वनडे ही खेल पाए थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के छह मैचों के करियर में उनके नाम कुल पांच विकेट ही हैं।
दरअसल, गेंदबाजी कोच के लिये शास्त्री की पसंद अरूण थे। शुरू से ही शास्त्री बतौर गेंदबाजी कोच भरत अरुण को टीम के साथ जोड़ना चाहते थे। इस वजह से टीम इंडिया के फुल टाइम गेंदबाजी कोच के रूप में उनके चुने जाने की पूरी उम्मीद थी।
इस फैसले से अब यह साफ हो गया है कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने गेंदबाजी कोच के लिये जहीर के नाम की सिफारिश करते समय शास्त्री को विश्वास में नहीं लिया था। इससे पहले शास्त्री से जब गेंदबाजी कोच के रूप में उनकी पसंद पूछी गयी तो उन्होंने अरूण का नाम लिया, लेकिन सीएसी का एक खास सदस्य इसके खिलाफ था।