बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के देश में कथित तौर पर बढ़ रही अहिष्णुता पर दिए बयान पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, उनके बयान पर जमकर बहस हो रही है। वहीं, अभिनेता आशुतोष राणा ने नसीरुद्दीन शाह के बयान का बचाव करते हुए कहा कि अपनी बात रखने पर किसी का ‘सामाजिक ट्रायल’ नहीं होना चाहिए। वहीं, नसीरुद्दीन शाह के बयान पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वह देश का स्वाभिमान कम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने ही देश पर सांप्रदायिक असहिष्णुता का आरोप लगाना अपमानजनक, कृतघ्न और देशद्रोह के बराबर है।
आशुतोष राणा ने नसरुद्दीन शाह का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि सभी लोगों को अपने मन की बात साझा करने का अधिकार है और स्वतंत्रता का मतलब भी यही होता है। उन्होंने कहा कि देश में अगर कोई अपने मन की बात रखता है तो क्या उसका सोशल ट्रायल होना चाहिए? उन्होंने कहा, ‘घर या परिवार के सदस्य की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आती है तो उस पर विचार होना चाहिए। मन की बात कहने पर इस तरह के विवाद खड़ा करने से क्या देश की अर्थव्यवस्था सुधर जाएगी या आमदनी बढ़ जाएगी?’
बता दें कि उनकी यह टिप्पणी उसी दिन आई जब फिल्म ‘मुल्क’ के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने इस पाखंड के लिए बॉलीवुड का पर्दाफाश किया था।। अनुभव सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, हम (बॉलीवुड) एसआरके(SRK) या आमिर या नसीर अपने समाज की आलोचना करने पर ट्रोल किए जाते हैं। लेकिन हम जीएसटी में कटौती के लिए गाना बजाने के लिए लाइन में हैं। क्या हम साथ में हैं या नहीं ???”
बता दें कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले बॉलीवुड के हालिया प्रतिनिधिमंडल का जिक्र कर रहे थे। फिल्म निर्माता करण जौहर ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ट्वीट किया था, मूवी टिकटों पर जीएसटी दर पर तेजी से कार्रवाई के लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा… आपकी सक्रियता और समर्थन के लिए धन्यवाद सर…।
वहीं, पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के संस्थापक और योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, ‘नसीरुद्दीन शाह को आम आदमी से मिले प्यार के चलते प्रसिद्धि मिली है। मुझे कहीं कोई सांप्रदायिक असहिष्णुता नहीं दिखाई देती, वास्तव में मुझे राजनीतिक असहिष्णुता दिखती है। मेरा मानना है कि भारत पर सांप्रदायिक असहिष्णु होने का आरोप लगाना देश का स्वाभिमान गिराने के बराबर है।’
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं जहां कोई आतंरिक हिंसा और असहिष्णुता नहीं है लेकिन कोई भी अपने देश पर आरोप नहीं लगाता। उन्होंने कहा, ‘अपने ही देश पर सांप्रदायिक असहिष्णुता का आरोप लगाना अपमानजनक, कृतघ्न और देशद्रोह के बराबर है।’
नसीरुद्दीन शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के समर्थन में हमेशा खड़े दिखाई देने वाले मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने कहा था कि, ‘देश में इतनी आजादी है कि सेना को अपशब्द कहे जा सकते हैं, एयर चीफ की बुराई की जा सकती है और सैनिकों पर पथराव किया जा सकता है। आपको इस देश में और कितनी आजादी चाहिए? उन्हें (नसीरुद्दीन शाह) जो कहना था वह कह दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जो कहा वह सच है।’
गौरतलब है कि नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का परोक्ष हवाला देते हुए कहा था कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। साथ ही अभिनेता ने कहा था कि जहर पहले ही फैल चुका है और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा। इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है।
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा था कि मुझे डर लगता है कि किसी दिन गुस्साई भीड़ मेरे बच्चों को घेर सकती है और पूछ सकती है, तुम हिंदू हो या मुसलमान? इस पर मेरे बच्चों के पास कोई जवाब नहीं होगा। क्योंकि मैंने मेरे बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है। अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। उनके इस बयान के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी के समर्थकों ने उनके खिलाफ शातिर हमले शुरू कर दिए।