आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच दिल्ली में गठबंधन को लेकर दोनों पक्षों के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए अन्य दलों के नेताओं की कोशिशें भी रंग नहीं ला पाई हैं और इस मुद्दे पर संशय खत्म हो गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमें आधिकारिक रूप से संदेश दे दिया है कि उनके साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।
केजरीवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कांग्रेस ने हमें आधिकारिक रूप से मैसेज दिया है कि कोई गठबंधन नहीं होगा। हम कांग्रेस के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। मीडिया रिपोर्ट में गठबंधन हो जाने की चल रही खबरें, उनके द्वारा प्लांट की गई हैं।’
Delhi Chief Minister and Aam aadmi Party leader Arvind Kejriwal: Congress has officially conveyed to us that there will be no alliance. We are not in talks with Congress. Media reports stating that talks (between AAP & Congress) have been finalized, are planted by them. pic.twitter.com/oW6oTPHp7l
— ANI (@ANI) March 19, 2019
केजरीवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब खबर थी कि महागठबंधन के साथी एनसीपी नेता शरद पवार ने कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन कारने की पहल करते हुए दोनों पक्षों से बात की है। पीटीआई के मुताबिक राकांपा नेता शरद पवार की मंगलवार को आप नेता संजय सिंह से मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर बना संशय दूर होने की अटकलें तेज हो गई थी। हालांकि कांग्रेस के सूत्रों ने इस बारे में राकांपा प्रमुख से पार्टी के किसी नेता की मुलाकात से इंकार किया।
सिंह ने पवार से मुलाकात की पुष्टि की। किंतु बातचीत के एजेंडे का खुलासा करने से इंकार करते हुए उन्होंने आप कांग्रेस-गठबंधन को देशहित में समय की मांग बताया। उन्होंने इस बारे में अनिर्णय की स्थिति के लिये कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया। सिंह के बयान को गठबंधन के लिए सकारात्मक संकेत मानते हुए इस बारे में अटकलें तेज हो गई थी। किंतु कुछ समय बाद ही आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने गठबंधन की संभावना से दो टूक इंकार कर दिया।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद दीक्षित ने कांग्रेस के दीर्घकालिक हित का हवाला देकर गठबंधन को नुकसानदायक बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा। इससे पहले, बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने भी कांग्रेस नेतृत्व से विभिन्न राज्यों में गठबंधन पर जारी गतिरोध को यथाशीघ्र दूर करने की अपील की।
गोपाल राय ने मंगलवार दोपहर बाद संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस के ढुलमुल रवैये को देखते हुए गठबंधन के लिए अब बहुत देर हो गई है। ‘‘सभी बिदुओं पर विचार करने के बाद हमने निर्णय किया है कि आप सातों सीटों पर जनता के साथ मिलकर अपने बलबूते बीजेपी को हराने की रणनीति पर आगे जाएगी।’’
राय ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस जिस तरह से विखंडित नजर आ रही है, उससे वह न सिर्फ अपना नुकसान कर रही है बल्कि यदि हम उनके साथ समय नष्ट करते हैं तो देश भर में मोदी-शाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह) के खिलाफ जो मुहिम है, दिल्ली में वह मुहिम भी कमजोर होती है।’’
यह पूछे जाने पर कि पवार की पहल के बाद क्या अब भी आप गठबंधन की किसी संभावना पर सोचेगी या नहीं, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं। हम सिर्फ अपने प्रचार अभियान पर सोच रहे हैं।’’ कांग्रेस की तरफ से अगर अब भी गठबंधन का प्रस्ताव आने पर आप के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर-मगर का समय अब खत्म हो गया है।’’