कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके पत्रकार अर्णब गोस्वामी और उनके समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में गलत रिपोर्टिंग से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
थरूर ने आरोप लगाया कि गोस्वामी और समाचार चैनल के वकील द्वारा 29 मई को अदालत में आासन देने के बावजूद वे उनकी मानहानि और छवि खराब करने में लगे हुए हैं।
पत्नी की रहस्यमयी मौत के संबंध में समाचार प्रसारित करते वक्त थरूर के खिलाफ कथित रूप् से आपािजनक टिप्पणियां करने के लिए उनके खिलाफ दो करोड़ रूपये के मानहानि वाद पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने 29 मई को कहा था कि वह अपने मुवक्किल को ऐसा नहीं करने की सलाह देंगे।
भाषा की खबर के अनुसार, न्यायमूर्त िमनमोहन ने इस वाद पर सुनवाई के दौरान कहा था कि पत्रकार और उनका चैनल सुनंदा की मौत की जांच के संबंध में तथ्यों पर आधारित खबरें दिखा सकता है लेकिन थरूर को अपराधी नहीं बता सकता।
आपको बता दे कि सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में गलत रिपोर्टिंग रोकने के लिए कांग्रेसी सांसद शशि थरूर द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार(4 अगस्त) को पत्रकार अर्नब गोस्वामी और उनके समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी को जमकर फटकार लगाई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की याचिका पर अर्नब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक टीवी से जवाब मांगते हुए कहा था कि वे सांसद के ‘‘चुप रहने के अधिकार’’ का सम्मान करें। थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा की मौत के मामले की ‘गलत रिपोर्टिंग’ पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने थरूर की याचिका पर गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी को नोटिस जारी किया था। सांसद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उनके वकील की ओर से 29 मई को आश्वासन मिलने के बावजूद वे उन्हें ‘‘बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने’’ में लगे हुए हैं।
इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा था, ‘‘आपको (गोस्वामी और चैनल) को थरूर के चुप रहने के अधिकार का सम्मान करना होगा।’’ थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने अनुरोध किया था कि अदालत गोस्वामी और चैनल को निर्देश दे कि वह ‘‘सुनंदा पुष्कर की हत्या’’ वाक्य का प्रयोग न करें क्योंकि अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि उनकी मृत्यु ‘‘हत्या’’ थी।