मेरठ में कश्मीरियों के खिलाफ विवादित पोस्टर लगाने वाले अमित जानी को भेजा गया जेल

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उत्तर प्रदेश के मेरठ में कश्मीरियों के खिलाफ होर्डिंग लगाकर माहौल खराब करने के आरोप में पुलिस ने उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी को शनिवार(22 अप्रैल) को गिरफ्तार कर लिया, जिसे अदालत ने जेल भेज दिया।
थाना परतापुर प्रभारी दिनेश शर्मा ने आज(23 अप्रैल) को बताया कि कल रात मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अमित जानी को उस समय दिल्ली-दून राजमार्ग पर परतापुर बाईपास से गिरफ्तार कर लिया जब वह दिल्ली के पहाड़गंज से देहरादून जा रहा था।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद रविवार(23 अप्रैल) सुबह अमित जानी को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। थाना प्रभारी के अनुसार उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष ने एनएच-58 पर वेदव्यासपुरी के सामने कश्मीरियों के खिलाफ होर्डिंग लगवाए थे। इन होर्डिंगों के जरिए कश्मीरियों से उत्तर प्रदेश छोड़ने को कहा गया था और उन्हें धमकी दी गई थी।

इस पोस्टर में साफ तौर पर चेतावनी देते हुए लिखा था, ‘भारतीय सेना पर पत्थर मारने वाले कश्मीरियों का बहिष्कार। कश्मीरियों, उत्तर प्रदेश छोड़ो वरना…।’ इन होर्डिंग के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। बता दें कि इससे पहले राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार इलाके में छह कश्मीरी छात्रों के साथ 19 अप्रैल की शाम अज्ञात लोगों ने मारपीट की थी।

पुलिस ने बताया कि अमित जानी के खिलाफ 21 अप्रैल को घाट चौकी प्रभारी विपिन की तरफ से भारतीय दंड विधान की धारा 153 क 1, 153 ख 1 के तहत मामला दर्ज कराया गया था। इसके बाद से अमित जानी फरार था। शनिवार को उसने अपने वकील के.के. पाहवा के जरिए विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में समर्पण की अर्जी दायर की, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि कश्मीरियों के खिलाफ बैनर लगाए जाने और राजस्थान में कश्मीरी छात्रों के साथ झड़प की खबरों पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश जारी करना पड़ा।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे पता चला है कि कुछ स्थानों पर कश्मीरियों के साथ र्दुव्‍यवहार की घटनाएं हुई हैं। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने राज्यों में कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि वे कश्मीरी युवाओं को अपना भाई समझें और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें।

 

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