दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने भी अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
चाको ने दिल्ली नगर निगम चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को दिल्ली में हार के कारणों का मंथन करना चाहिए तथा आत्ममंथन कर अपनी भावी रणनीति को तैयार करना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माकन ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि वो अगले एक साल तक कोई पद नहीं लेंगे और एक साधारण कार्यकर्ता की तरह काम करते रहेंगे।
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए माकन ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर भी निशाना साधा। माकन ने कहा कि मुझ पर लगातार बयान दिए गए, लेकिन मैं उनको लेकर कुछ नहीं कहूंगा। मैं हार की जिम्मेदारी लेता हूं और पद से इस्तीफा देता हूं।
उन्होंने कहा कि अगले एक साल तक में कोई पद नहीं लूंगा और एक कार्यकर्ता की तरह काम करूंगा। हमने ठीक वापसी की, लेकिन मुझे इससे बेहतर की उम्मीद थी। चुनाव आयोग को ईवीएम की जांच करनी चाहिए। अगर हम ईवीएम पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं तो हमें आयोग पर भरोसा करना चाहिए।
वहीं, पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कांग्रेस की हार के लिए स्थानीय नेतृत्व की संलिप्तता की कमी को जिम्मेदार बताते हुए आरोप लगाया कि अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस लोगों तक पहुंच नहीं सकी। उन्होंने अजय माकन को हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का नेतृत्व उन्हीं(अजय माकन) के हाथों में था, इसलिए हार के लिए भी वही जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर शीला दीक्षित का कहना है कि पार्टी में नाराज लोगों को मनाया जाता है और जिसके हाथ में कमान है उसे ही ये काम करना पड़ता है, लेकिन हमारे यहां इसके ठीक उल्टा हुआ है। उन्होंने कहा कि पार्टी (मतदाताओं तक) उस तरह पहुंच नहीं बना पाई, जिस तरह उसे बनानी चाहिए थी। जब आप कुछ करना नहीं चाहते तो कोई भी बहाना बनाया जा सकता है।
शीला ने कहा कि मुझे चुनाव प्रचार के लिए कहा ही नहीं गया था, तो मैं प्रचार कैसे कर सकती थी। बता दें कि दिल्ली में तीन नगर निगम चुनावों में जहां बीजेपी को शानदार जीत मिली है, वहीं कांग्रेस तीसरे स्थान पर आई है।