भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के पूर्व नेताओं समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने रंजन गोगोई के नॉमिनेशन की आलोचना करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक ट्वीट कर रंजन गोगोई पर तंज कसा। अपने ट्वीट में आप सांसद संजय सिंह ने लिखा, “राफेल मामले में फैसला देकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराने वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजकर BJP ने “सेवा का मेवा” दिया है।”
राफ़ेल मामले में फ़ैसला देकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराने वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री रंजन गोगई को राज्य सभा भेजकर भाजपा ने “सेवा का मेवा” दिया है।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 17, 2020
इस बीच, गोगोई ने मंगलवार को इस बारे में मीडिया के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक उन्होंने कहा कि, “मैं शायद कल दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं विस्तार से मीडिया से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।”
बता दें कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है।
Former Chief Justice of India, Ranjan Gogoi: I'll go to Delhi probably tomorrow. Let me first take the oath then I will speak in detail to the media that why I accepted this and why I am going to Rajya Sabha. (file pic)
He has been nominated to Rajya Sabha by President Kovind. pic.twitter.com/aqRxtDtykl
— ANI (@ANI) March 17, 2020
दरअसल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार (16 मार्च) को पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने से कुछ दिनों पहले इन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था।
रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने ही राम मंदिर मामले में फैसला सुनाया था। उन्होंने इस मामले में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई कर केस का निपटारा किया था। न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला।