पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने एक बार फिर पीएम केयर्स फंड को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। पी चिदंबरम ने दावा किया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) संकट को देखते हुए बनाए गए पीएम केयर्स फंड के ऑडिटर्स ने पुष्टि की है कि 26 से 31 मार्च, 2020 के बीच केवल 5 दिनों में फंड को 3076 करोड़ रुपये मिले।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा, “PM CARES FUND के ऑडिटर्स ने पुष्टि की है कि 26 से 31 मार्च, 2020 के बीच केवल 5 दिनों में फंड को 3076 करोड़ रुपये मिले। लेकिन इन दयालु दाताओं के नाम प्रकट नहीं किए जाएंगे। क्यों? प्रत्येक अन्य एनजीओ या ट्रस्ट एक सीमा से अधिक राशि दान करने वाले दानकर्ताओं के नाम प्रकट करने के लिए बाध्य है। इस दायित्व से PM CARES FUND को छूट क्यों है?”
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “दान पाने वाला ज्ञात है। दान पाने वाले के ट्रस्टी ज्ञात है। तो ट्रस्टी, दानदाताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रहे हैं?”
दान पाने वाला ज्ञात है। दान पाने वाले के ट्रस्टी ज्ञात है। तो ट्रस्टी,दानदाताओं के नाम उजागर करने से क्यों डर रहे हैं?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2020
पीएम केयर्स फंड में 5 दिनों में 3,076 करोड़ की राशि आई। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा जारी की गई ऑडिट रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। वित्त वर्ष 2020 के स्टेटमेंट के अनुसार यह रिकॉर्ड डोनेशन 27 से 31 मार्च के बीच हुआ है, इस अवधि में फंड को बनाया जा रहा था। 3,076 करोड़ रुपये में से 3,075.85 करोड़ रुपये का दान घरेलू और स्वैच्छिक है, जबकि 39.67 लाख रुपये का योगदान विदेशों से किया गया है। पीएम केयर्स के स्टेटमेंट में कहा गया कि 2.25 लाख रुपये से फंड की शुरुआत की गई थी और इस फंड को करीब 35 लाख रुपये ब्याज के एवज में भी मिले हैं।
बता दें कि, कोरोना वायरस के मामले आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड बनाया था। इसमें आम लोग भी दान कर सकते हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां इसकी पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाती रही है। 18 अगस्त को पीएम केयर्स फंड में जमा पैसों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर करने का आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया था। याचिका में पीएम फंड में पारदर्शिता के अभाव में भी दलील दी गई थी।