मध्य प्रदेश : 40 मरीजों की आंखों में दृष्टि लौटना मुश्किल

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मध्य प्रदेश के बड़वानी जिला अस्पताल में शिविर लगाकर किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद जिन 45 मरीजों की आंखों में संक्रमण हो गया हो गया है, उनमें से से 40 की आंखों में दृष्टि लौटना मुश्किल है। यह बात रविवार को एम्स दिल्ली से आए चिकित्सकों ने कही। उन्होंने कहा कि सिर्फ चार से पांच मरीज ही ऐसे हैं, जिनकी आंखों की रोशनी लौट सकती है। बड़वानी जिला अस्पताल में 16 से 23 नवंबर के दौरान शिविर लगाकर कुल 86 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया थ। इनमें से 45 मरीजों की आखों में संक्रमण होने पर उन्हें इंदौर के अरविंदो और एमवाइएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मरीजों की हालत लगातार बिगड़ती देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर रविवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्ररोग विशेषज्ञों का दल इंदौर पहुंचा और मरीजों की आंखों की जांच की।

एम्स से आई टीम के प्रमुख डॉ. अतुल कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि अधिकांश मरीजों की रेटिना (पुतली) में गंभीर संक्रमण हुआ और मवाद आ गया है। इस हाल में 40 मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आना मुश्किल है। सिर्फ चार से पांच मरीजों की आंखों की रोशनी ही लौट पाना संभव है। उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज सही दिशा में चल रहा है।

डॉ. अतुल ने आगे कहा कि हो सकता है, ऑपरेशन के दौरान आंखों को धोने के लिए जिस पानी का उपयोग किया गया हो, वह दूषित रहा हो। ऑपरेशन में जिन उपकरणों का उपयोग किया गया और मरीजों को जो दवाएं दी गईं, उनकी जांच चल रही है।

ऑपरेशन के बाद कई मरीजों की आंखों में दूसरे ही दिन से ही खुजली होने लगी और तीसरे दिन मवाद आने लगी। अस्पताल के जिस कमरे (ऑपरेशन थिएटर) में ऑपरेशन किया गया, उसमें मकड़े के जाले और खिड़कियों में जंग लगी पाई गई। आसपास काफी गंदगी भी फैली हुई थी।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल के नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ. आर.एस. पलोड़, ओटी इंचार्ज लीला वर्मा, नर्स माया चौहान, विनीता चौकसे, शबीना मंजूरी व सहायक प्रदीप चौकसे को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने मरीजों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है और चिकित्सकों को संक्रमित मरीजों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं।

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