बिहार चुनाव में करीब 9.5 लाख मतदाताओं ने किसी को भी मत नहीं देने के विकल्प का इस्तेमाल किया। इन्होंने ईवीएम मशीन में ‘नन आफ द एबव’ (नोटा) बटन दबाकर अपने इस अधिकार का इस्तेमाल किया।
नन आफ द एबव का मतलब है जितने भी प्रत्याशियों के लिए उस चुनाव क्षेत्र में चुनाव चिन्ह दिए गए हैं उन सभी को बहिष्कार करना यानी किसी को भी वोट नहीं देना या फिर यह भी कह सकते हैं कि दिए गए सभी उम्मीदवारों में से किसी को भी पसंद नहीं करना।
निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार की देर शाम जारी अंकड़ों के मुताबिक बिहार चुनाव में किसी भी प्रत्याशी या दल को चुनने योग्य न मानने वाले लोगों की संख्या 9,47,276 रही। यह कुल पड़े मतों का 2.5 फीसदी है।
नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और कांग्रेस के महागठबंधन को 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 178 सीटों पर जीत मिली है, जबकि उनकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 58 सीटों पर सिमट गई।