प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर तथा अन्य के खिलाफ दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में एस्सेल समूह के प्रमोटर सुभाष चंद्रा, रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी, जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और इंडिया बुल्स के चेयरमैन समीर गहलोत समेत कुछ अन्य शीर्ष उद्योगपतियों को इस सप्ताह तलब किया है। ईडी फिलहाल येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है।
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि डीएचएफएल के मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वधावन के अलावा, रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को भी 19 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई स्थित दफ्तर में पूछताछ के लिए उपस्थिति होने को कहा गया है। वधावन को हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था। ये उद्योगपति उन शीर्ष पांच कंपनियों का नेतृत्व करते हैं, जिन्होंने संकट में फंसे येस बैंक से कर्ज लिया। ये कर्ज या तो लौटाए नहीं गए या फिर फंसे हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि येस बैंक से बड़े लोन लेकर उन्हें चुकाने में नाकाम रहने वाली कंपनियों के प्रमोटर्स को इस मामले में समन दिया जा रहा है। मामले में अधिकारियों ने बताया कि अनिल अंबानी का बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत रिकॉर्ड किया जाएगा।
माना जाता है कि सुभाष चंद्र के एस्सेल ग्रुप पर येस बैंक का 8,400 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज है, जबकि डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड) की राशि लगभग 3,700 करोड़ है। अंबानी के लिए, उनकी कंपनियों के समूह पर कथित तौर पर यस बैंक का 12,800 करोड़ रुपये बकाया है। जेट एयरवेज पर लगभग 550 करोड़ रुपये का अवैतनिक ऋण है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन येस बैंक के बड़े कर्जदारों में शामिल हैं। फिलहाल, येस बैंक के प्रमोटर 62 वर्षीय राणा कपूर ईडी की कस्टडी में हैं। ईडी ने राणा, उनके परिवार और कई अन्य पर लोन दिलाकर 4300 करोड़ रुपये की रिश्वत का आरोप लगाया है। (इंपुट: भाषा के साथ)