गोवा बाल अदालत (जीसीसी) ने एक महिला को 13 साल पहले अपनी नाबालिग बेटी को वेश्यावृत्ति में धकेलने के मामले में सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। जीसीसी न्यायाधीश वंदना तेंदुलकर ने इस सप्ताह दिए फैसले में महिला को अपनी बेटी (उस समय 16 वर्ष की उम्र की) को वेश्यावृत्ति में धकेलने का दोषी पाया और उसे सात वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई।
न्यायाधीश ने महिला को देह व्यापार निरोधक कानून, 1956 और गोवा बाल अधिनियम, 2003 की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने सुनवाई के दौरान 11 गवाहों के बयान दर्ज किए।
अभियोजक पक्ष के अनुसार गोवा अपराध शाखा ने 2004 में महिला को गिरफ्तार किया था, जबकि इस मामले में दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पीड़िता को 2004 में वास्को शहर के बिना में छापेमारी के दौरान छुडाया गया था।
अदालत ने इस मामले को दायर किए जाने के कई वर्षों बाद भी एक महिला समेत दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में विफल रहने पर पुलिस को फटकार लगाई। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि पीड़िता का वास्को शहर में फरार महिला के फ्लैट में यौन शोषण किया गया।