मोदी की सिलीकॉन वैली यात्रा के बारे में विकीलीक्स ने जारी किए ई-मेल

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विकीलीक्स की ओर से जारी ‘क्लिंटन कैंपेन’ के अध्यक्ष जॉन पोडेस्टा के ईमेल की ताजा खेप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की सिलीकोन वैली की यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए ओबामा प्रशासन की योजना पर रोशनी डालती है।

मोदी की सिलीकोन वैली यात्रा के डेढ़ माह से भी ज्यादा समय पहले अमेरिकी विदेश उपमंत्री और दक्षिण एवं मध्य एशिया की प्रभारी निशा देसाई बिस्वाल ने जॉन पोडेस्टा को ईमेल संदेश भेजा था और उनसे मोदी की सिलीकोन यात्रा को सफल बनाने के लिए उनसे सलाह मांगी थी। तब तक पोडेस्टा ‘क्लिंटन कैंपेन’ में शामिल हो चुके थे।

Photo courtesy: indian express

निशा ने इस ईमेल संदेश में यह भी जानना चाहा था कि क्या पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन स्टैनफोर्ड में पर्यावरणोन्मुखी ऊर्जा कार्यक्रम मोदी के साथ सह-प्रायोजन कर सकते हैं। पोडेस्टा को 12 अगस्त को भेजे गए ईमेल संदेश में निशा ने कहा कि सिलिकोन वैली दौरा के लिए भारत सरकार को दो थीम पर बेहद रुचि है। निशा ने कहा कि पहला डिजिटल इकोनोमी है।

यहां फोकस गूगल के दौरे और भारत में गूगल के जबरदस्त निवेश की कुछ घोषणाओं पर होगी। निशा ने, ‘दूसरा फोकस पर्यावरणोन्मुखी ऊर्जा पर है। यहां, भारतीय टेस्ला जाना चाहते हैं और सौर ऊर्जा के लिए अपनी बैटरी भंडारण प्रणाली पर केंद्रित भारत के साथ टेस्ला भागीदारी या उद्यम पर होगा।’

भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘दूसरा प्रमुख प्रयास स्टैनफोर्ड के साथ पर्यावरणोन्मुखी उर्च्च्जा राउंडटेबल के इर्दगिर्द है और वाणिज्य विभाग इस पर काम कर रहा है। अब यह प्रतीत हो रहा है कि वाणिज्य मंत्री पेन्नी इसे कैलीफोर्निया में नहीं कर सकते हैं और भारतीय उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार के साथ हिस्सेदारी के लिए किसी और यूएसजी (अमेरिकी सरकार) शख्स की तलाश कर रहे हैं।

’उन्होंने कहा, ‘हम बेशक देखेंगे कि क्या विदेश मंत्री जान केरी या उर्च्च्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज उस सप्ताहांत कैलीफोर्निया जा सकते हैं लेकिन चीजें (चीनी राष्ट्रपति) की यात्रा और संयुक्त राष्ट्र महासभा सम्मेलन की समयतालिका से जटिल हो गई हैं। क्या कोई और विकल्प सुझा सकते हैं जो हम अपना सकते हैं?’ विदेश मंत्रालय ने ईमेल को सत्यापित नहीं किया है।

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