क्या है GST, जानिए क्या होगा मंहगा और क्या होगा सस्ता

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राज्यसभा ने जीएसटी लागू करने को जरूरी संविधान संशोधन बिल को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े टैक्स रिफॉर्म्स को लागू करने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा माइलस्टोन पार कर लिया। अब कहा यह जा रहा है कि जीएसटी से लागू होने पर मैन्युफैक्चरिंग की लागत घटेगी, जिससे कुछ तैयार सामान सस्ते होंगे। वहीं, सर्विसेज मंहगी होने का अनुमान है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑटो सेक्टर पर जीएसटी का पॉजिटिव असर होगा, इसलिए कुछ एंट्री लेवल कारों, टू वीइलर्स, एसयूवीज के दाम घटेंगे।

जानिए कार के दाम पर पड़ेगा क्या असर
GST से पहले: मान लीजिए अगर किसी कंपनी को एक कार बनाने में 2,72,375 रुपये की लागत आ रही है तो, उसे 1,28,657 रुपये का टैक्स देना पड़ता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस, वैट आदि शामिल हैं। यानी डीलर को यह कार 4,01,032 रुपये में मिलेगी। अब अगर डीलर 10% का मार्जिन रखता है तो उसके लिए कार की सेल प्राइस 4,41,135 रुपये हो जाएगी। इस पर 12.5% की दर से कुल 55,142 रुपये वैट लगेगा। फिर क्रेडिट क्लेम करने के बाद नेट वैट 12,502 रुपया हो जाएगा। इस तरह ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते कार की कीमत 4,96,277 रुपये पर पहुंचती है।

Photo: Patrika.com

GST के बादःअब अगर जीएसटी रिजीम की बात की जाए तो अगर कंपनी कोई कार 2,72,375 रुपये की समान लागत पर तैयार करती है तो उसे 18% के स्टैंडर्ड जीएसटी रेट से कुल 49,028 रुपये टैक्स देना होगा। यानी, डीलर के पास यह कार 3,21,403 रुपये में पहुंचेगी। फिर डीलर अगर 10% का ही मार्जिन रखता है तो उसके लिए सेल प्राइस 3,53,543 रुपये होगी। इस पर 18% की दर से कुल 63,638 रुपये जीएसटी लगेगा और आखिर में क्लेम क्रेडिट करने पर जीएसटी की राशि 14,610 रुपये होगी। इस तरह कन्जयूमर के लिए कार की कीमत 4,17,181 रुपये होगी।मतलब, 79,097 रुपये का सीधा फायदा। यह तो हुई कार की बात। जीएसटी से कार की बैट्री, पेंट, सीमेंट, पंखे, लाइटिंग, वॉटर हीटर्स, एयर कूलर्स, वाशिंग मशीन, फ़्रीज आदि इलेक्ट्रानिक आइटम्स सस्ते होंगे।लेकिन सिगरेट के दाम बढ़ेंगे क्योंकि तंबाकू पर मौजूदा एक्साइज ड्यूटी के मुकाबले जीएसटी की दर ज्यादा होगी ।

खास बातें

-जीएसटी टैक्स रेट अभी तय नहीं हुआ है। इसका निर्धारण जीएसटी काउंसिल करेगी।
-जीएसटी काउंसिल का गठन 60 दिनों के अंदर हो जाना है।
-वित्त मंत्रालय की एक समिति ने जीएसटी के लिए स्टैंडर्ड रेट 18% रखने का सुझाव दिया है। समिति के मुताबिक, कम-से-कम दर 12 पर्सेंट जबकि उच्चतम 40 प्रतिशत तक हो सकती है। बता दें कि राज्यसभा में भी चर्चा के दौरान कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने इसे 18 फीसदी पर रखने की मांग की है।

जीएसटी से कैसे बदल जाएगा देश का माहौल
घटेगी टैक्सेज की तादाद: जीएसटी में कम-से-कम 11 सेंट्रल और स्टेट टैक्सेज समाहित हो जाएंगे।
कम टैक्स: कुछ इनडायरेक्ट टैक्स बढ़ेंगे जबकि ज्यादातर में कटौती होगी।
एक भारत: पूरा देश एक मार्केट हो जाएगा जहां के तमाम राज्यों के बीच सामानों की बेरोकटोक ढुलाई हो पाएगी।
आसान होगा कारोबार: टैक्स कम्प्लायंस तेज और आसान तो होगा ही। इस पर लागत भी कम आएगी।
समृद्ध होगा सरकारी खजाना: कुछ टैक्स में छूट और कुछ के पूरी तरह खात्मे की वजह से टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा और सरकारी खजाने में आमदनी बढ़ेगी। गरीब राज्यों को ज्यादा आमदनी होगी।

(साभार कोबरापोस्ट) 

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