कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से सारदा चिटफंड घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा पूछताछ करने की कोशिशों के खिलाफ रविवार (3 फरवरी) शाम से ही धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष इस मुद्दे पर ममता के समर्थन में उतर आई हैं। ममता ने सोमवार को कहा कि मैं जान देने को तैयार हूं लेकिन समझौता नहीं करूंगी। जब टीएमसी नेताओं को छुआ गया तो मैं सड़क पर नहीं आई। लेकिन अब मैं गुस्से में हूं क्योंकि उन्होंने कोलकाता पुलिस के कमिश्नर के पद का अपमान करने की कोशिश की है।
फाइल फोटो।इस बीच ममता के रवैये के खिलाफ अब बीजेपी भी आक्रामक हो गई है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेस कर सीएम ममता सहित समर्थन करने वाले सभी विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी उस राजदार को बचाने की कोशिश कर रही हैं, जो काफी कुछ जानता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धरने पर बैठकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल रही हैं।
धरने पर बैठीं ममता पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? एक पुलिस कमिश्नर नेताओं के साथ धरने पर बैठे हैं? इसका क्या मतलब है? धरने पर बैठकर पश्चिम बंगाल की CM दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल रही हैं।’ BJP नेता ने कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि भ्रष्टाचार की जांच के खिलाफ एजेंसी को नहीं झुकना चाहिए।
Union Minister Ravi Shankar Prasad: What is happening? A Police Commissioner is sitting on a dharna with politicians? What is the meaning of this? By sitting on dharna West Bengal CM is following the footsteps of Arvind Kejriwal pic.twitter.com/QOwmBbqqbh
— ANI (@ANI) February 4, 2019
इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए राहुल गांधी का 2014 में किया गया एक ट्वीट पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि 2014 में कांग्रेस ने राहुल गांधी का बयान ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले में 20 लाख लोगों का पैसा डूब गया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने 26 मई 2014 को शपथ ली और नारदा, सारदा और रोज वैली मामलों की जांच इससे पहले शुरू हुई थी।
संसद में जोरदार हंगामा
बता दें कि पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के बीच मचा घमासान अब ममता बनाम सीबीआई का रूप ले चुका है। सीबीआई इस विवाद को लेकर सोमवार (4 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले को मंगलवार के लिए टाल दिया है। वहीं, शारदा चिटफंड घोटाले के मामले में सीबीआई की कार्रवाई को लेकर सोमवार को संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके कारण दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया।
गृह मंत्री ने जताई चिंता
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में रविवार को शारदा चिटफंड घोटाले की जांच के वास्ते गए सीबीआई के दल साथ कोलकाता पुलिस के अभूतपूर्व टकराव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार का कहा कि यह स्थिति देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस बीच रविवार को कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से सीबीआई द्वारा पूछताछ करने के प्रयास के बाद राज्य में पैदा हुई स्थितियों के बारे में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को रिपोर्ट सौंप दी है।
…जब सीबीआई को ही हिरासत में लिया
बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रविवार (3 फरवरी) शाम शुरू हुई राजनीतिक गहमागहमी संभवत: पहली बार भारतीय राजनीति में देखने को मिली हो। पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ करने गई सीबीआई के अधिकारियों को ही कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दरअसल, सीबीआई की एक टीम कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए रविवार को उनके आवास पर गई थी, लेकिन टीम को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें जीप में भरकर थाने ले जाया गया। टीम को थोड़े समय के लिए हिरासत में भी रखा गया।
कमिश्नर के समर्थन में धरने पर ममता
खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के साथ सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठ गईं। घटना के बाद केंद्र सरकार पर ‘राजनीतिक बदले की भावना से काम करने’ का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार की रात साढ़े आठ बजे से धरने पर बैठी हुई हैं, जो अभी भी जारी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर बंगाल में तख्तापलट करने का प्रयास करने के आरोप लगाए। धरना स्थल से ही ममता ने अपने नियमित काम को जारी रखने के लिए दस्तावेजों की जांच कर रही हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि हमारा सत्याग्रह किसी एजेंसी के खिलाफ नहीं है, यह मोदी सरकार के अत्याचारों के खिलाफ है।