दिल्ली की न्यायिक अधिकारी गोमती मनोचा जिन्होने मई 2014 में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा था और एक महीने बाद नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत सोनिया और राहुल गांधी को तलब किया था अब अपना करियर उच्च न्यायिक सेवा हरियाणा में बनाना चाहती है।
मनोचा के वकील ने हर्ष जैदका ने जस्टिस जे. चेलमेश्वर और पी.सी. पंत की बेंच को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें हरियाणा हायर जुडिशल सर्विस के एग्जाम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी।
नवभारत टॉइम्स की खबर के अनुसार, जैदका ने कहा कि एक जुडिशल अफसर हायर जुडिशल सर्विस में अपना करियर बनाना चाहती है, उसे ये मौका देने से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उतने ही कार्य अनुभव वाले वकील एग्जाम में शामिल हो सकते हैं।
बेंच ने मनोचा को एग्जाम में शामिल होने की इजाजत देते हुए कहा कि वह उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे की सुनवाई करेगी। बेंच ने कहा कि पहली नजर में यह अजीब लगता है कि एक जुडिशल अफसर को हायर जुडिशल सर्विस एग्जाम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। बेंच ने टिप्पणी की कि जुडिशल सर्विस को जॉइन करने का ये मतलब नहीं है कि कोई उसी से जिंदगी भर बंधा रहे।
गोमती मनोचा ने 21 मई 2014 को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को जुडिशल कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था। बीजेपी नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में केजरीवाल के बेल बॉन्ड भरने से इनकार के बाद कोर्ट ने ये कार्रवाई की थी।
तब तिहाड़ जेल में 6 दिन बिताने के बाद केजरीवाल ने आखिरकार 10 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरा था जिसके बाद मैजिस्ट्रेट ने 27 मई 2014 को उनकी रिहाई का आदेश दिया था।