उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा अब राजनीतिक रूप ले लिया है। यही वजह है कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल अब राज्य के दूसरे शहरों में तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं। इस क्रम में बुधवार (31 जनवरी) को विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में आगरा शहर में तिरंगा यात्रा निकाली गई। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुतबिक, पुलिस ने इस यात्रा को बीच में ही रोक दिया।’तिरंगा यात्रा’ के दौरान कासगंज में हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान आगरा में भारी संख्या में फोर्स तैनात रही। आगरा में जहां वीएचपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, तो वहीं फिरोजाबाद में बजरंग दल ने रैली निकाली। हालांकि फिरोजाबाद में पुलिस ने बिना अनुमति के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। आगरा में वीएचपी के कार्यकर्ता प्रशासन की अनुमति के बिना तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे।
इस दौरान प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था। प्रशासन का कहना है कि पूरे शहर में धारा 144 लागू है, इसलिए यात्रा नहीं निकाली जा सकती। वहीं फिरोजाबाद में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकालने का ऐलान किया था। लेकिन प्रशासन ने यहां भी तिरंगा यात्रा को रोक दिया। यहां भी धारा 144 लागू है।
आगरा में विश्व हिंदू परिषद की तिरंगा यात्रा के दौरान जय श्रीराम और वन्देमातरम के नारे भी लगे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने तिरंगे के साथ भगवा ध्वज भी लहराया। उधर विहिप की तिरंगा यात्रा पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि तिरंगा यात्रा के लिए यह सही समय है।
राज बब्बर को कासगंज जाने की नहीं मिली अनुमति
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में कासगंज जाने वाले प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने कासगंज जाने की अनुमति नहीं दी है। प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रतिनिधिमंडल को कासगंज जाने से रोक दिया है।कासगंज हिंसा के बाद राज बब्बर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार (31 जनवरी) को मृतक चंदन गुप्ता के परिजनों से मिलने और स्थिति का जायजा लेने के लिए जा रहा था।
इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश और केंद्र सरकार के विरोध में अलीगढ़ में प्रदर्शन किया। इससे पहले मंगलवार को चंदन के परिवार से मिलने आ रहे अलीगढ़ बजरंग दल के जिला संयोजक धर्मवीर सिंह लोधी और उनके साथियों को मिशन चौराहे के पास पुलिस ने रोक दिया था। उन्हें संघ कार्यालय जाना था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी।