उत्तराखंड हाई कोर्ट की पहल के बाद आज उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया। इसके अलावा कोर्ट ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने के फैसले पर भी अपनी मुहर लगा दी है। अब कोर्ट ने कांग्रेस सरकार से 29 अप्रैल को बहुमत साबित करने के लिये कहा है।
कोर्ट ने पूर्व सीएम हरीश रावत की राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया था। इसके पहले, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फिर फटकार लगाई थी। राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख़्त टिप्पणी करते हुए पूछा था, क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है? बीजेपी के बहुमत के दावों के बीच कोर्ट ने केंद्र से एक हफ़्ते तक राष्ट्रपति शासन नहीं हटाने का भरोसा देने के लिए कहा था। जब केंद्र ने कहा कि वह इस बात की कोई गारंटी नहीं दे सकते कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया जाएगा या नहीं, तो हाई कोर्ट ने कहा, आपके इस तरह के व्यवहार से हमें तकलीफ हुई है।
केंद्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, पहले ही दिन से जिस प्रकार माननीय जज साहब के कमेंट्स जो… पास हो रहे थे, लग रहा था कि ऐसा फैसला आएगा, इसलिए हमें कोई आश्चर्य नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टिव्ट् कर कहा कि हाई कोर्ट का ये फैसला को लोगों की जीत है। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए टिव्ट् किया है कि ये मोदी सरकार के लिये बड़ी शर्मिन्दगी की बात है, उन्हें जनता के द्वारा चुनी हुई सरकारों में हस्तक्षेप बंद कर देना चाहिए और लोकत्रंत का सम्मान करना चाहिए।


















