उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी साल 2018 के पुरस्कार सुर्खियों में आ गया है। अकादमी की तरफ से पुरस्कारों के लिए चेयरमैन सहित बोर्ड के तीन सदस्यों को शामिल किए जाने की वजह से सरकार ने पुरस्कारों को कैंसल कर दिया है। इसके साथ ही अकादमी से 3 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है।

उर्दू अकादमी के अध्यक्ष प्रफेसर आसिफा जमानी को एक लाख रुपये की कीमत वाले डॉक्टर सुगमा मेहदी अवॉर्ड, सदस्य प्रफेसर अब्बास रजा नैयर को डेढ़ लाख रुपये की रकम वाले अमीर खुसरो पुरस्कार और प्रफेसर आफताब अहमद आफाकी को डेढ़ लाख रुपये की रकम वाले प्रफेसर मोहम्मद हसन पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए चुना गया।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि, ‘इन पुरस्कारों को कैंसल कर 3 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है। बोर्ड मेंबर और अवॉर्ड जूरी में बेहद जिम्मेदार लोग हैं। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने खुद को ही पुरस्कार दे दिया। हमने पूछा है कि किस नियम के तहत उन्होंने खुद को पुरस्कार दे दिया। नियम के अनुसार यह गलत है।’
उर्दू अकादमी के सर्वोच्च पुरस्कार- मौलाना अबुल कलाम आजाद अवॉर्ड के लिए बिहार निवासी जाकिया मशाहदी को दिया गया है। इस अवॉर्ड की कीमत 5 लाख रुपये है। पुरस्कारों की लिस्ट में 15 लोगों को 25 हजार रुपये की राशि, 20 लोगों को 20 हजार रुपये की राशि, 25 लोगों को 15 हजार रुपये की राशि, 116 लोगों को 10 हजार रुपये की राशि सौंपी जानी है।